नवगछिया अधिवक्ता गोलीकांड का असर मंगलवार को मधेपुरा कोर्ट में भी दिखायी दिया। एक ओर जहां नवगछिया कोर्ट में जहां अधिवक्ताओं ने काला बिल्ला लगा कर मंगलवार को अदालती कार्य को अंजाम दिया। वहीं मधेपुरा में जिला अधिवक्ता संघ ने अपने को सारे न्यायिक कार्य से अलग रखा। जिसके कारण सुदूर क्षेत्रों से आने वाले मुवक्किलों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मालूम हो कि नवगछिया न्यायालय के अधिवक्ता को अपराधियों ने गोली मार दिया था। जिसके कारण पूरे राज्य में अधिवक्ताओं ने कड़ा विरोध जताया। मंगलवार को इस बाबत जिला अधिवक्ता संघ की आपातकालीन बैठक संघ भवन में संघ के अध्यक्ष गजेन्द्र नारायण यादव की अध्यक्षता में आहूत हुई। इस मौके पर संघ के सचिव जवाहर झा ने कहा कि अधिवक्ताओं को दिनदहाड़े गोली मारना दर्शाता है कि राज्य में अधिवक्ता सुरक्षित नहीं हैं। संयुक्त सचिव सदानंद यादव ने कहा कि अधिवक्ता जब खतरे में रहेंगे तब न्यायिक कार्य कैसे पूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के मुखिया का पहला कर्त्तव्य है कि वे अधिवक्ता को पूरी सुरक्षा प्रदान करें। अधिवक्ता रणधीर सिंह व ललन सिंह ने कहा कि इस कांड के सभी आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करें। अधिवक्ता नरेश मोहन झा ने कहा कि विरोधी पक्षकार अधिवक्ता के प्रति के घृणा पैदा कर लेते हैं। जबकि सभी अधिवक्ता किसी भावना से नहीं बल्कि एडवोकेसी एक्ट के तहत किसी की पैरवी व वकालत करते हैं। ऐसे में अपने विरोधी अधिवक्ता को गलत मानसिकता के साथ सोचना बिल्कुल गलत है। इस मौके पर अधिवक्ता विनोद सिंह, भगवान पाठक, चंद्रकांत, लाल बहादुर सिंह, शोभाकांत झा, विनोद यादव, भूपेन्द्र यादव, संजीव कुमार आदि उपस्थित थे।
