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भागलपुर : अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का ? यार ने ही लूट लिया -------


प्यार मोहब्बत सिर्फ जिस्मानी ही नहीं होते, कुछ जज्बाती भी होते हैं। इस बार हम बात कर रहे हैं भागलपुर में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावी प्यार की। जहां से प्रमुख लोकसभा प्रत्याशी थे इसी क्षेत्र के सांसद रहे सैयद शाहनवाज़ हुसैन। यहाँ चुनाव के बाद 16 मई शुक्रवार की रात मतगणना के सम्पन्न होने के बाद से अब तक ( कुछ को छोड़कर ) हर भाजपाई कार्यकर्ता के दिल से आवाज आ रही है - अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का---, यार ने ही लूट लिया घर यार का ?
यहाँ सिला का मायने सबक से है । यह सिला भी मिला है शीला भवन से । जो भागलपुर में ही स्थित है। जहां भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन भागलपुर आने के बाद विश्राम करते है । साथ ही यहीं से इस बार भी चल रही थी चुनाव की रणनीति। जिसमें भाजपा के यार ( कार्यकर्ताओं ) द्वारा ही भाजपा के घर ( प्रत्याशी ) को लूटने ( हराने) का काम जम कर किया गया । जहां अब हर कार्यकर्ता एक दूसरे को शक की निगाह से देख रहा है। वहीं भाजपा नेता इस हार की गणना करते नहीं थक रहे हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर यह हार हुई तो कैसे ? और किसकी वजह से ?
इस हार को लेकर शक की सुई अगर उठ रही है तो वह सीधी जा रही है इस क्षेत्र के ही बिहपुर से भाजपा के विधायक कुमार शैलेंद्र की तरफ ।
जिसका पहला कारण है कि उन्होने मोदी लहर में अपने क्षेत्र से बीस हजार मतों से जीत दिलाने का वादा किया था। जहां से पिछले 2009 के चुनाव में 18717 मतों से बढ़त मिली भी थी। जिसके बाद उनकी इच्छानुसार क्षेत्र में सांसद शाहनवाज़ हुसैन द्वारा कई विकास कार्य भी कराये गए। जिसका नतीजा मिला कि वहाँ 12127 मतों से पीछे रह गये । वह भी ऐसे प्रत्यासी से जो इसी क्षेत्र के विधान सभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी शैलेंद्र कुमार से ही हार चुके थे।
बिहपुर के विधायक कुमार शैलेंद्र पर शक की सुई जाने का दूसरा कारण यह भी बताया जा रहा है कि अगले विधान सभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए अपने रास्ते के कांटे बनने वाले बुलों मंडल को लोकसभा का रास्ता दिखाने का मन पहले से बना चुके थे। जिसकी वजह से उन्होने बिहपुर क्षेत्र की पूरी कमान अपने हाथ में ले रखी थी। जहां भाजपा के किसी भी जिला स्तरीय या स्थानीय नेता के लिये लगा रखी थी - नो इंट्री। जो उनकी सफल हाई टेक्नोलोजी का कमाल माना जा रहा है।
कार्यकर्ताओं द्वारा ही तीसरा कारण बताया जा रहा है कि जिस तरह से पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के नजदीकी माने जाते हैं बिहपुर विधायक कुमार शैलेंद्र। उसी तरह से कुमार शैलेंद्र के नजदीकी माने जाते हैं नवगछिया के भाजपा जिला अध्यक्ष सुबोध सिंह कुशवाहा। जो गोपालपुर क्षेत्र के धरहरा गाँव से आते हैं। जिनको जिलाध्यक्ष बनाने में कुमार शैलेंद्र ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। भरपूर विरोध के बावजूद भी सुबोध सिंह कुशवाहा को जिलाध्यक्ष बनवाया था कुमार शैलेंद्र ने । कुशवाहा से शायद ही जिले भर में संगठन का कोई अधिकारी या कार्यकर्ता खुश होगा।
इस चुनाव में सुबोध सिंह कुशवाहा ने भी बिहपुर विधायक का अच्छी तरह से साथ देकर अपना कर्ज कम किया है। जिसके कारण इस चुनाव के दौरान गोपालपुर क्षेत्र से भी जीत की जगह हार देखनी पड़ी। जहां पिछले 2009 के चुनाव में शाहनवाज़ हुसैन को 24988 मतों से बढ़त मिली थी। वहाँ इस बार 3117 मतों से हार बहुत बड़ा मायने रखती है।