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असम : दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश


मरने वालों की संख्या हुई 30


असम में जातीय हिंसा में मरने वालों की संख्या 30 हो गयी है। हिंसा प्रभावित इलाक़ों में कर्फ़्यू जारी है और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं।

एक जानकार ने बताया कि बक्सा ज़िले के नरायणगुड़ी गाँव से शनिवार सुबह आठ शव बरामद हुए हैं जिनमें बच्चे और महिलाएं शामिल हैं।

इससे पहले शुक्रवार को इसी गाँव से 12 शव बरामद हुए थे। हिंसा के पहले दिन गुरुवार को कोकराझार और बक्सा ज़िलों में दस लोग मारे गए थे।

सभी लोग एक ही संप्रदाय के


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर एम सिंह ने बताया कि गांव में कम से कम 36 घरों को जला दिया गया है। यह गांव मानस नेशनल पार्क के पास है।

मारे गए सभी लोग एक ही संप्रदाय के हैं और कथित तौर पर उन्हें बोडो आदिवासियों ने निशाना बनाया।

घरों में आग लगने के बाद बाहर निकलते लोगों पर हमलावरों ने गोलीबारी शुरू कर दी। हालांकि शुक्रवार रात से हिंसा का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।

देखते ही गोली मारने के आदेश


भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में सेना गश्त कर रही है और केंद्र से अर्धसैनिक बलों की दस कंपनियां भी मांगी गई हैं।

हिंसाग्रस्त इलाक़ों में कर्फ़्यू जारी है और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं।

इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन हत्याओं पर गहरे शोक और गुस्से का इज़हार करते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता लोगों को विभाजित करने वाली और चरमपंथी ताक़तों को कभी कामयाब नहीं होने देगी।