एनएनएन । एग्जिट पोल में बिहार में एनडीए को तो फायदा हो रहा है लेकिन जो चौंकाने वाली खबर है वो ये कि नीतीश कुमार के जेडीयू की हालत काफी खराब है .
बिहार में जेडीयू को काफी बड़ा झटका लगता दिख रहा है. एक कंपनी के एग्जिट पोल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी सिंगल डिजिट में सिमट कर रह सकती है. लालू वापसी करते दिख रहे हैं तो मोदी लहर के सहारे बीजेपी अच्छी खासी बढ़त की ओर दिख रही है .
इस एग्जिट पोल में बिहार में बीजेपी को 19 सीटें मिलने का अनुमान है तो उसकी साथी रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी को 2 सीटें मिलती दिख रही हैं. आरजेडी को 10 सीटें मिलने का अनुमान है तो कांग्रेस की 4 सीटों पर जीत होती दिख रही है. सबसे बड़े घाटे में है जेडीयू जिसे सिर्फ 5 सीटें मिलने का अनुमान है .
अब जरा 2009 के नतीजों पर नजर डालने पर पता चलता है कि एग्जिट पोल के मुताबिक जेडीयू को कितना बड़ा नुकसान हो रहा है .
2009 में बिहार में बीजेपी और जेडीयू साथ थे तब बीजेपी को 12 सीटें मिली थीं जबकि जेडीयू के खाते में 20 सीटें गई थी . आरजेडी को चार सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें मिल पाई थी . अन्य के खाते में भी दो सीटें गई थी .
एग्जिट पोल से साफ है कि जहां मोदी लहर बिहार में काम करती दिख रही है वहीं जेडीयू को बीजेपी का साथ छोड़ना महंगा पड़ रहा है . मुमकिन है कि जेल से छूटने के बाद जी जान से लगे लालू यादव को उनके एम वाई समीकरण यानी मुस्लिम यादव समीकरण का फायदा भी हुआ हो.