आगामी 2 मई से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा पर संकट के बादल गहरा गए हैं। मौसम की बेवफाई और बदहाल यात्रा मार्गों से आजिज आई उत्तराखंड सरकार ने एडवाइजरी जारी कर बच्चों और बूढ़ों को केदारनाथ नहीं जाने की सलाह दी है। पिछले साल जून में आई तबाही के बाद हालात सामान्य होने का दावा भले ही किया जा रहा हो लेकिन हकीकत दावों से उलट है।
4 मई को केदारनाथ के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा शुरू होगी। लेकिन अभी तक सिर्फ आठ लोगों ने ही यात्रा का पंजीकरण करवाया है। दरअसल पिछले साल 15-16 जून को आई तबाही के बाद लोग सहमे हुए हैं। यात्रा की कठिनाइयों के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने भी बुजुर्गों और बच्चों को यात्रा पर नहीं जाने की सलाह दी है।
अब भी केदारनाथ मंदिर के चारों ओर बर्फ ही बर्फ है और पुलिस के जवान उसे काटकर रास्ता बना रहे हैं। वहां की तस्वीरों को देखकर ही यात्रा की कठिनाइयों का अंदाजा लगाया जा सकता है। कपाट खुलने की तारीख सिर पर है बावजूद इसके तैयारियां पूरी नहीं हो पाई हैं।
केदारनाथ में अभी तक सिर्फ 150 लोगों के ही रुकने का इंतजाम हो पाया है। तबाही के पहले गौरीकुंड से केदारनाथ जाने वाले रास्ते पर हजारों श्रद्धालु चौबीसो घंटे मौजूद रहते थे वहीं अब चंद लोग ही यहां मौजूद हैं। अभी रुद्रप्रयाग जनपद के उखीमठ में भगवान केदारनाथ की पूजा जारी है। 30 अप्रैल को डोली केदारनाथ के लिए रवाना होगी जहां 4 मई को वैदिक विधि विधान के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे।