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वोट डालने पर पंचायत ने ठोका 51 हजार जुर्माना


दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में वोटिंग को बढ़ावा देने के लिए चुनाव आयोग, सरकार और निजी कंपनियां कैंपेन चला रही हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश का एक गांव ऐसा है जहां वोट देना कुछ लोगों के लिए जान की आफत बन गया है। मथुरा के मंडोरा गांव में वोट देने वालों को पंचायत ने ना केवल समाज से बाहर कर दिया बल्कि 51 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगा दिया।
महिलाओं की उंगलियों पर लगा स्याही का निशान इनके लिए अभिशाप बन गया है। 24 तारीख को वोट देने के बाद इन्हें धमकियां मिलने लगीं। इन्हें लगा था कि वोट देना इनका अधिकार है पर अब ये लोग इस गांव में रहने से डरने लगे हैं।
मथुरा के मडोरा गांव में रहने वाली कमलेश बेहद डरी और सहमी है। कमलेश को पता नहीं था कि विजली और सड़क के मुद्दे पर गांव ने चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया है। कमलेश ने वोट दिया तो पंचायत इतना नाराज हुई कि 51 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी। कमलेश के घर से तीन और लोगों ने वोट दिया। इसके अलावा गांव के एक और शख्स ने भी वोट दिया। इन सब पर भी 51-51 हजार का जुर्माना लगाया गया है। ये सभी खौफ के साये में जी रहे हैं।
हांलाकि चुनाव बहिष्कार के समर्थकों को इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता। पंचायत की ज्यादती के खिलाफ पीड़ितों ने एफआईआर दर्ज करा दी है। प्रशासन का कहना है कि उन्हें सुरक्षा दी जा रही है। मडोरा गांव की कहानी एक विंडबना की ओर इशारा करती है। कुछ लोग वोट देकर समस्याएं हल करना चाहते हैं तो कुछ लोगों की नजर में वोट देना बेमानी हो चुका है।