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भास्कर के मंच पर एक साथ आए नीतीश-लालू,


दैनिक भास्कर का 14 वें राज्य से 67 वें संस्करण पटना का शुभारंभ शनिवार को हुआ। समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भास्कर के विशेष अंक का लोकार्पण किया। पटना संस्करण का पहला अंक ऐतिहासिक प्रसार संख्या के साथ रविवार, 19 जनवरी 2014 को प्रकाशित होगा।
 
लोकार्पण कार्यक्रम में राजनीतिक धुर विरोधी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव एक साथ भास्कर के मंच पर आए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलित करने के साथ हुई। पटना भास्कर के सलाहकार संपादक सुरेंद्र किशोर ने भास्कर समूह का परिचय दिया।
 
इसके बाद समूह के चेयरमैन रमेश अग्रवाल ने लोगों को भास्कर के विजन से परिचय कराया। उन्होंने कहा कि दैनिक भास्कर अपने पाठकों को केंद्र में रखकर अखबार प्रकाशित करता है। हमारा उद्देश्य सिर्फ बिजनेस करना नहीं है, हम लोगों को जागरूक भी करना चाहते हैं।
 
वहीं इस मौके पर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जमाने में अखबार के सामने बड़ी चुनौती है। खबरें पहले ही लोगों तक पहुंच जा रही हैं, ऐसे में अखबार को नया करना होगा। लालू यादव ने अखबार के लोकल संस्करणों में खबरों को क्षेत्रवार प्रकाशित करने पर नाराजगी जाहिर की।
 
उनका कहना है कि दरभंगा में मुजफ्फरपुर की खबर तो पटना में दरभंगा की खबर नहीं होती है। अखबार को समवेत रूप से पूरे राज्य की खबरें जरूर देनी चाहिए। लालू ने यह भी कहा कि अखबार विज्ञापन लेने के चक्कर में सरकार के पक्ष में खबरें देने लगते हैं। जबकि अखबार को सरकार की कमियों को उजागर करना चाहिए।
 
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में पाठको की बड़ी संख्या है और यहां के लोगों की अखबारों में दिलचस्पी है। धीरे-धीरे समाचार पत्रों की संख्या बढ़ी, भास्कर भी यहां से प्रकाशित होने जा रहा है। सोशल मीडिया का बहुत प्रभाव है। यही कारण है कि पुराने-पुराने लोग भी ट्वीट करने लगे हैं (लालू यादव की तरफ इशारा करते हुए)। ट्वीट का मतलब चिचियाना होता है, ऐसे में नए लोगों की तरह पुराने लोग भी चिचियाने लगे हैं।
 
नीतीश ने कहा कि मैं भास्कर को भरोसा देता हूं कि आपने क्या छापा क्या नहीं इसके लिए कभी सरकार की तरफ से कभी कोई फोन नहीं जाएगा। लेकिन मैं भास्कर से आग्रह करता हूं कि आप बिहार की खासियत को उभारें। जिस समय बिहार-झारखंड का बंटवारा हुआ उस समय बिहार के लोग दुखी थे, लेकिन आज 13 साल बाद बिहार के लोगों को उसकी कमी नहीं खलती। क्योंकि हम निरंतर आगे बढ़ते रहे हैं। हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारी विरासत और हमारे लोग हैं। बिहार का इतिहास गौरवशाली है। पूरे भारत में भिन्न और विशेष है। इसे पूरी दुनिया में सामने लाने की जरूरत है। इसके साथ भास्कर को कृषि और युवाओं पर भी फोकस करना चाहिए।
 
बताते चलें कि दैनिक भास्कर समूह भारत का सबसे बड़ा समाचार पत्र समूह है। यह 14 राज्यों में 67 संस्करणों के साथ 4 भाषाओं में प्रकाशित होता है। इस समूह की वेबसाइट चार प्रमुख भाषाओं में हैं, जिस पर  करीब 30 करोड़ हिट्स आते हैं। हिन्दी और गुजराती वेबसाइट क्रमश: dainikbhaskar.com और divyabhaskar.co.in अपनी-अपनी भाषाओं में दुनिया की नंबर एक वेबसाइट हैं।