बिहार सरकार पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय और भत्तो में वृद्धि पर
विचार कर रही है। भुगतान में तीगुना वृद्धि के संबंध में मिश्री लाल के गैर
सरकारी संकल्प पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश
कुमार ने
सोमवार को विधानपरिषद में कहा कि सरकार ने सदन में किसी आए संकल्प के आधार पर पंचायत प्रतिनिधियों को मानदेय, भत्ता देने का निर्णय नहीं किया है। पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में भी यह मांग उठी है। निकाय कोटे से आने वाले विधानपार्षदों ने भी ज्ञापन दिया है। सरकार उस पर विचार कर रही है। यह वित्ताीय मामला है। यहां तत्काल निर्णय नहीं हो सकता।
इसके पूर्व राजेश राम, बैद्यनाथ प्रसाद, नीरज, दिलीप जायसवाल, गुलाम गौस सहित अनेक सदस्यों ने मानदेय एवं भत्तो में वृद्धि की वकालत की। हालांकि सरकार की ओर से उत्तार देते हुए पंचायत राज मंत्री डा.भीम सिंह ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि देश के दो-चार राज्यों में ही पंचायत प्रतिनिधियों को मानदेय, भत्ता मिलता है। उसमें भी बिहार में भुगतान की दर सर्वाधिक है और सरकार के पास इसकी वृद्धि के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
चार मेडिकल कालेजों के लिए केंद्र को गया है प्रस्ताव
स्वास्थ्य मंत्री अश्रि्वनी कुमार चौबे ने सदन में कहा कि पूर्णिया, सहरसा, मुंगेर और सारण में मेडिकल कालेज खोलने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। राज्य में अभी छह मेडिकल कालेज सरकार चला रही है। 50 लाख की आबादी पर एक मेडिकल कालेज की आवश्यकता है। उस हिसाब से बिहार में एक दर्जन और मेडिकल कालेज खोलने की संभावना है। राज्य सरकार ने पावापुरी, बेतिया और मधेपुरा में मेडिकल कालेज के लिए स्वीकृति दी मगर मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने तकनीकी सवाल उठा अड़चन पैदा की है। इसे जल्द दूर कर अगले साल से चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक मेडिकल कालेज खोलने के लिए भवन आदि मद में ही 600 करोड़ की जरूरत पड़ती है। केंद्र से मदद के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। पीपीपी मोड में भी मेडिकल कालेज खोलने की योजना है तब आरा और मोतिहारी में मेडिकल कालेज खोलने पर विचार किया जाएगा। मोतिहारी में मेडिकल कालेज खोलने के संबंध में सतीश कुमार के प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्री उत्तार दे रहे थे।
केंद्र से होगी सिफारिश
गंगा-दामोदर एक्सप्रेस को बक्सर से चलाने के लिए राज्य सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी। परिवहन मंत्री वृशिण पटेल ने विधानपरिषद में यह घोषणा की। इस संबंध में हरेंद्र प्रताप पाण्डेय का प्रस्ताव था। नीरज कुमार के प्रस्ताव पर वृशिण पटेल ने कहा कि आकाशवाणी पटना द्वारा निर्धारित विभिन्न कृषि संबंधी कार्यक्रमों का प्रसारण पूर्व के मूल स्वरूप में करने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की जाएगी।
सोमवार को विधानपरिषद में कहा कि सरकार ने सदन में किसी आए संकल्प के आधार पर पंचायत प्रतिनिधियों को मानदेय, भत्ता देने का निर्णय नहीं किया है। पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में भी यह मांग उठी है। निकाय कोटे से आने वाले विधानपार्षदों ने भी ज्ञापन दिया है। सरकार उस पर विचार कर रही है। यह वित्ताीय मामला है। यहां तत्काल निर्णय नहीं हो सकता।
इसके पूर्व राजेश राम, बैद्यनाथ प्रसाद, नीरज, दिलीप जायसवाल, गुलाम गौस सहित अनेक सदस्यों ने मानदेय एवं भत्तो में वृद्धि की वकालत की। हालांकि सरकार की ओर से उत्तार देते हुए पंचायत राज मंत्री डा.भीम सिंह ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि देश के दो-चार राज्यों में ही पंचायत प्रतिनिधियों को मानदेय, भत्ता मिलता है। उसमें भी बिहार में भुगतान की दर सर्वाधिक है और सरकार के पास इसकी वृद्धि के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
चार मेडिकल कालेजों के लिए केंद्र को गया है प्रस्ताव
स्वास्थ्य मंत्री अश्रि्वनी कुमार चौबे ने सदन में कहा कि पूर्णिया, सहरसा, मुंगेर और सारण में मेडिकल कालेज खोलने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। राज्य में अभी छह मेडिकल कालेज सरकार चला रही है। 50 लाख की आबादी पर एक मेडिकल कालेज की आवश्यकता है। उस हिसाब से बिहार में एक दर्जन और मेडिकल कालेज खोलने की संभावना है। राज्य सरकार ने पावापुरी, बेतिया और मधेपुरा में मेडिकल कालेज के लिए स्वीकृति दी मगर मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने तकनीकी सवाल उठा अड़चन पैदा की है। इसे जल्द दूर कर अगले साल से चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक मेडिकल कालेज खोलने के लिए भवन आदि मद में ही 600 करोड़ की जरूरत पड़ती है। केंद्र से मदद के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। पीपीपी मोड में भी मेडिकल कालेज खोलने की योजना है तब आरा और मोतिहारी में मेडिकल कालेज खोलने पर विचार किया जाएगा। मोतिहारी में मेडिकल कालेज खोलने के संबंध में सतीश कुमार के प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्री उत्तार दे रहे थे।
केंद्र से होगी सिफारिश
गंगा-दामोदर एक्सप्रेस को बक्सर से चलाने के लिए राज्य सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी। परिवहन मंत्री वृशिण पटेल ने विधानपरिषद में यह घोषणा की। इस संबंध में हरेंद्र प्रताप पाण्डेय का प्रस्ताव था। नीरज कुमार के प्रस्ताव पर वृशिण पटेल ने कहा कि आकाशवाणी पटना द्वारा निर्धारित विभिन्न कृषि संबंधी कार्यक्रमों का प्रसारण पूर्व के मूल स्वरूप में करने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की जाएगी।