पटना सहित बिहार के कई जेलों में कैदियों को कम्प्यूटर की ट्रेनिंग दी जायेगी। इतना ही नहीं रिहा होने पर उन्हें रोजगार भी दिया जाएगा।
बिहार सरकार ने सूबे की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के लिए कम्प्यूटर की पढ़ाई का इंतजाम किया है। गृह (कारा) विभाग ने पटना के आदर्श केन्द्रीय कारा, बेउर समेत राज्य के तीन केन्द्रीय काराओं में कैद बंदियों को कम्प्यूटर के विभिन्न पाठय़क्रमों की शिक्षा देने के लिए मुम्बई की एक कम्पनी वेदांता फाउंडेशन के साथ बुधवार को समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है।
राज्य के जिन तीन केन्द्रीय काराओं में कम्प्यूटर की पढ़ाई होगी उनमें पटना की बेउर जेल के अलावा भागलपुर स्थित शहीद जुब्बा सहनी केन्द्रीय कारा और मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केन्द्रीय कारा भी शामिल हैं।
समझौते के अनुसार इन जेलों में बंद कैदियों को वेदांता फाउंडेशन की ओर से पांच-पांच कम्प्यूटर सेट, कम्प्यूटर का प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षक, प्रशिक्षुओं को कम्प्यूटर का पाठय़क्रम, कम्प्यूटर के प्रशिक्षण के लिए फर्नीचर के अलावा परीक्षा का आयोजन करने और परीक्षा में उत्तीर्ण करने के बाद सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने का इंतजाम किया जायेगा।
जबकि, गृह (कारा) विभाग की ओर से जेल में कम्प्यूटर की पढ़ाई के लिए स्थान और कमरा, बिजली की समुचित व्यवस्था, बिजली बिल की राशि का भुगतान तथा सुरक्षा सम्बन्धी सारे इंतजाम किये जायेंगे।
समझौता पत्र पर बिहार सरकार की ओर से राज्य के कारा महानिरीक्षक आनन्द किशोर तथा वेदांता फाउंडेशन की ओर से उसके क्षेत्रीय प्रबंधक (पूर्व) देबाशीष चक्रवर्ती ने हस्ताक्षर किये हैं।
इस परियोजना के तहत बुधवार को पटना के आदर्श केन्द्रीय कारा, बेउर में इसकी शुरुआत भी कर दी गयी है। कैदियों के लिए यह पाठय़क्रम डेढ़ से तीन महीनों का होगा।
गृह (कारा) विभाग के निदेशक (उद्योग) बीसीपी सिंह ने बताया कि कम्प्यूटर के इस पाठय़क्रम में जेल के अंदर बंद कैदियों को कम्प्यूटर से सम्बन्धित विभिन्न तरह के पाठय़क्रमों का प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा प्रशिक्षण अवधि पूरी होने के बाद उनकी परीक्षा का आयोजन कर उन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा।
सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद जेल से छूटने वाले कैदियों के लिए वेदांता फाउंडेशन की ओर से नौकरी की व्यवस्था किये जाने का भी प्रावधान है। श्री सिंह ने बताया कि राज्य की अन्य जेलों में भी यह व्यवस्था की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि बिहार की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के लिए राज्य सरकार ने इस तरह के कई पाठय़क्रमों की व्यवस्था की है जिनसे वे जेल से बाहर निकलने के बाद समाज की मुख्यधारा में रहकर जीविकोपार्जन कर सकें।