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फिर लगा बड़े अपराध का बदनुमा दाग

राजेश कानोडिया, नवगछिया ।
नवगछिया के माथे पर एक बार फिर रविवार १५ जुलाई को लगा है बड़े अपराध का बदनुमा दाग । जिसे शायद ही कोई मिटा सकेगा। यह अलग बात है की नवगछिया का अपराध से पुराना और गहरा रिश्ता रहा है। जिसकी बदौलत ही दो दशक पहले नवगछिया को पुलिस का जिला बनाया गया था।
इस बार नवगछिया के माथे पर आसाम के एक युवक के लापता होने के बाद ह्त्या का कलंक लगा है। जिसका बदनुमा दाग मिटाने के लिए रेल आईजी विनय कुमार भी नवगछिया दो बार पहुँच चुके हैं। फिर भी यह दाग मिटने वाला नहीं लग रहा है।
बताते चलें कि नवगछिया के माथे पर सबसे पहला बदनुमा दाग लगा था सन १९९२ में । जब खरीक थाना अंतर्गत भवनपुरा गाँव के यादव जाति के पांच लोगों की एक साथ निर्मम ह्त्या कर लाश को कोसी नदी में डाल दिया गया था। तब घटना की सुबह तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद नवगछिया पहुंचे थे। घटना का जायजा लेकर वापस पटना पहुंचते ही नवगछिया को पुलिस का जिला घोषित किया था।
इसके बाद नवगछिया के माथे पर दूसरा बदनुमा दाग भी लालू प्रसाद के शासन काल में ही लगा था । जब राष्ट्रीय उच्च पथ किनारे स्थित बनारसी लाल सराफ कालेज में महिलाओं और युवतियों के साथ सामूहिक बलात्कार काण्ड हुआ था।
तीसरा बदनुमा दाग नवगछिया के माथे पर नितीश कुमार के शासन में सन २००८ में लगा था। इस समय इस्माइलपुर प्रखंड के विनोबा बहियार में दस लोगों की सामूहिक ह्त्या कर लाश को गंगा नदी में डाल दिया गया था।
अब उसी नवगछिया के माथे पर फिर एक बदनुमा दाग आसाम के युवक प्रीतम भट्टाचार्य को दिन दहाड़े नवगछिया स्टेशन से लापता कर ह्त्या करने का लगा है। यह घटना नवगछिया स्टेशन की है। जिस क्षेत्र में इन दिनों अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां रेल पुलिस की लचर व्यवस्था के कारण रेल आईजी को दो दिनों के अंतराल में दुबारा आना पडा। यह अलग बात है कि नवगछिया एसपी जयन्त कान्त ने इस मामले को चुनौती के रूप में लिया था।