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पूर्वोत्तर भारत में गहराया बिजली संकट, नौ उत्पादन इकाइयां ठप

पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न बिजलीघरों की संयुक्त उत्पादन क्षमता 7400 मेगावाट में से 3020 मेगावाट क्षमता की नौ इकाइयों से उत्पादन ठप हो गया है। इससे पूर्वोत्तर भारत में बिजली संकट गहरा गया है। एनटीपीसी के कहलगांव और फरक्का की शेष चालू इकाइयां भी ईधन के अभाव में फुल लोड पर नहीं चल पा रही हैं।
इस बारे में बुधवार को एनटीपीसी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कहलगांव की दूसरी इकाई (210 मेगावाट) ओवरहॉलिंग के लिए एक पखवारे से बंद है। पांच सौ मेगावाट की पांचवी इकाई कोयले के अभाव में बंद कर दी गई है। पांच-पांच सौ मेगावाट की फरक्का की पांचवी और छठी इकाइयां भी कोयला संकट के कारण ठप हैं। तालचर सुपर की तीसरी इकाई (500 मेगावाट) ओवरहॉलिंग के लिए और इतनी ही क्षमता की छठी इकाई ट्यूब लिकेज के कारण ठप है। तालचर थर्मल की छठी इकाई (110 मेगावाट) ओवरहॉलिंग के लिए बंद है। एनटीपीसी और बिहार सरकार के 110 मेगावाट के संयुक्त उपक्रम कांटी थर्मल का जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है। वहीं बिहार सरकार की इकलौती बरौनी इकाई (90 मेगावाट) भी मरम्मत के लिए कई माह से ठप पड़ी है।