असम के छात्र प्रीतम हत्याकांड का रहस्य नवगछिया व रंगरा के 20 किमी. इलाके में छिपा है। अब पुलिस इसी क्षेत्र को आधार बना अपने जांच का दायरा बढ़ाया है। और उस क्षेत्र में अपहरण उद्योग से जुड़े कई दुर्दातों के मोबाइल को सर्विलांस में लिया है। बुधवार को नवगछिया में कांड की समीक्षा बाद डीआइजी डॉ. अमित कुमार जैन ने उद्भेदन के लिए तीन विशेष टीमें गठित की है। इस मामले में मक्खातकिया विषहरी टोला से एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। दो राज्यों का मामला होने के कारण पुलिस मुख्यालय सीधे मॉनीटरिंग कर रहा है। रेल एडीजीपी पीएन राय व रेल आइजी पल-पल प्रगति की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक डीआइजी ने नवगछिया में तीन घंटे तक एसपी आनंद कुमार सिंह, रेल डीएसपी आलोक कुमार सहित कई थानेदारों के साथ बैठक की। वहां कांड के उद्भेदन के लिए तीन विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया। टीम को अलग-अलग टास्क सौंपा गया है। इस केस में किशनगंज, कटिहार रेल थाना क्षेत्र से पांच सब इंस्पेक्टर व दो इंस्पेक्टर को अनुसंधान व छापेमारी में विशेष तौर पर लगाया गया है। विशेष शाखा के अधिकारियों को भी सूचना एकत्रित करने का निर्देश दिया गया है। कटिहार रेलएसपी डॉ. सुगन पासवान व रेल आइजी विनय कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस की कवायद जारी है जल्द ही नतीजे मिलेंगे। बरौनी से लेकर किशनगंज तक के रेल अपराध से जुड़े बदमाशों के अलावा नवगछिया के सभी पुराने अपहरण, लूट में शामिल शातिरों की गतिविधियों की जांच कर रही है। प्रीतम के मोबाइल का भी सीडीआर कॉल डिटेल निकाला गया है। मोबाइल का अंतिम लोकेशन 9 जुलाई को 12 बजे रात तक मक्खातकिया मोहल्ला में ही मिला था।
अबतक के अनुसंधान में यह स्पष्ट हुआ है कि बैग छीनने वाले बदमाशों के चंगुल में प्रीतम प्रमाण पत्र के कारण फंस गया। बाद में बदमाशों ने प्रीतम को किसी गैंग के हवाले कर दिया। मामला हाइप्रोफाइल हो जाने के कारण पुलिस दबिश से घबरा कर उसकी हत्या कर शव फेंक दिया गया। उधर, प्रीतम की मौत की खबर सुन बीमार पड़े उनके पिता की हालत नाजुक बनी है।