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मानव जीवन के मूल्य को पहचानें

अपने इस मानव जीवन के मूल्य को पहचानें। जो विभिन्न प्रकार के रूपों को धारण करने के बाद बडे़ ही संयोगवश दुर्लभ रूप मिला है। इस शरीर में भी कई छोटे-छोटे दुर्गुण हैं। फिर भी सबसे बड़ी विशेषता है कि इसके माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति संभव है। जिसका उपयोग सभी को करना चाहिए। इसके लिए अपने शरीर के भीतर की यात्रा करने का प्रयास करना होगा। जिसका रास्ता काफी सूक्ष्म है। इसके लिए साधना आवश्यक है। उपरोक्त बातें नवगछिया अनुमंडलीय संतमत सत्संग के 30वें वार्षिक अधिवेशन के दौरान नवगछिया में पहुंचे संतमत के वर्तमान आचार्य महर्षि स्वामी हरिनंदन परमहंस जी महाराज ने बतायी। इस अधिवेशन का विधिवत उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक सह सचेतक बिहार विधान सभा के नरेन्द्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने महर्षि मेॅहीॅ परमहंस जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में अनुमंडल पदाधिकारी सुशील कुमार के अलावा सांसद प्रतिनिधि प्रवीण कुमार भगत, नगर पंचायत की अध्यक्ष रेखा देवी, उपाध्यक्ष कृष्णदेव यादव, जदयू जिला अध्यक्ष विरेन्द्र कुमार सिंह सहित नगर के कई वार्ड पार्षद तथा गणमान्य लोगों की मौजूदगी रही। अधिवेशन के दौरान सत्यप्रकाश बाबा, महादेव बाबा, धरेन्द्र बाबा, फूल बाबा, मनोज बााब, अनंत बाबा, निर्मल बाबा, सुरेन्द्र बाबा सहित कई महत्वपूर्ण संतों का समागम देखा गया। संतमत के वर्तमान आचार्य स्वामी हरिनंदन बाबा के स्वागत में जूही, साधना, पूजा, राखी व प्रमीला ने स्वागतम है मान्य मुनीवर स्वागत गान प्रस्तुत किया। वहीं उमेश पटेल ने अभिनंदन पत्र से अभिनंदन किया। अधिवेशन की सफलता के लिए श्रीलाल कानोडिया, विरेन्द्र प्रसाद, फूल बाबा, मोहन रूंगटा, जनार्दन राय, निर्मल मूनका, गोपी यादव, कैलाश यादव, श्याम सुन्दर केडिया सहित दर्जनों लोगों की सक्रियता देखी गई। संतमत सत्संग में नवगछिया अनुमंडल के आसपास के क्षेत्रों सहित बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय, बांका, खगडि़या, मुंगेर, बेगुसराय, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, अररिया जिले के अलावा नेपाल से भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी