इन दिनों नवगछिया अनुमंडल तथा आस-पास के क्षेत्रों के आलू की खेती करने वाले किसानों के होश उड़ रहे हैं। कारण है आलू की गिरती कीमत। इन किसानों के समक्षअब भूखे मरने की स्थिति पैदा होती जा रही है। ठीक पंजाब के कई जिलों की तरह नवगछिया तथा आस-पास के इलाकों में आलू की फसल काफी अच्छी हुई है। वहीं इन किसानों पर दोहरी मार भी पड़ रही है। इस कारण इसकी लागत तक पर आफत खड़ी हो गई है। जहां इसके संरक्षण तथा भंडारण की भी कोई व्यवस्था नहीं है, वहां इसका भाव तो भूसे से भी सस्ता हो गया है।
फसल देख हुए थे खुश
नवगछिया अनुमंडल के कोसी पार के कई किसानों ने बताया कि हमने किसान सलाहकार राम नरेश प्रसाद की सलाह पर पंजाबी नस्ल पुखराज की खेती की थी। फसल देख काफी खुशी हो रही थी। लेकिन फसल तैयार होने के बाद कई प्रकार की परेशानी सामने आने लगी है।
बाजार का हाल
आलू के भाव को लेकर बाजार में हालत खास्ता है। यहां मवेशियों को खिलाने के लिए भूसा भी इस समय आठ रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है। वहीं नया ताजा आलू के भाव बाजार में साढ़े तीन सौ से चार सौ रुपये क्विंटल यानी चार रुपये किलो है। अर्थात भूसा से आधी कीमत पर। इसके साथ ही पुराना या बंगाल का चलानी आलू एक सौ अस्सी रुपये से दो सौ रुपये क्विंटल इस समय नवगछिया बाजार में है।
नहीं मिल रहे खरीदार
नवगछिया बाजार के आलू विक्रेता अशोक भगत, पप्पू भगत, गणेश साव, कारू साव, महेश तथा संजय साव बताते हैं कि इस समय आलू की मांग काफी कम है। जबकि माल काफी तादात में आ रहा है। माल के हिसाब से इसके खरीदार नहीं आ रहे हैं। खरीदारों के आने पर ही आलू का बेहतर भाव किसानों को मिल सकता है।
80 फीसदी फसल में लगी बीमारी
ढोलबज्जा तथा अरजपुर, चंदसूरी टोला के आलू खेतों में ही एक प्रकार की कोढि़या बीमारी भी लग गयी है। इस कारण 80 फीसदी आलू में धब्बे नजर आते हैं। इसका असर सीधा पड़ रहा है। दुकानदार तथा खरीदार इसे लेना नहीं चाहते हैं।