ग्रामीण महिलाओं का संवर्द्धन पापड़ उद्योग के जरिये संभव होता देख उद्यमिता विकास संस्थान बिहार के द्वारा मंगलवार को नवगछिया प्रखंड मुख्यालय में प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ किया गया। जिसमें स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को स्वरोजगार की ओर उत्प्रेरित करना ही मूल लक्ष्य है। पापड़ एक ऐसा घरेलू उद्योग है जिसकी खपत देश के अधिकांश घरों में होता है। जिसमें लगभग पांच हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से धनोपार्जन संभव है। उक्त बातें उद्यमिता विकास संस्थान के प्रशिक्षण पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह ने प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन समारोह के दौरान बतायी। उन्होंने कहा कि इस उद्योग में लागत भी काफी कम है। मुनाफा अधिक है। कारण कि इसकी मांग काफी अधिक है। जिसकी जरूरत हर रसोई घर में है। 15 दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन जिला उद्योग केन्द्र भागलपुर के महाप्रबंधक यूपी सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक नवीन कुमार राय, जिला के अग्रणी बैंक प्रबंधक मुक्तेश्र्वर मालवीय, इस्टर्न बिहार इडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकुटधारी अग्रवाल, महासचिव प्रदीप झुनवाला, सेवा निवृत प्रबंधक अनन्त झा तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी वीणा कुमारी चौधरी, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी अभय कुमार बंटी ने भी दीप प्रज्वलन में भागीदारी निभाई। इस अवसर पर राजेन्द्र मंडल, नीतू देवी, चंद्रिका चौधरी, रविकुमार, रूस्तम कुमार के साथ-साथ दर्जनों महिला प्रशिक्षार्थियों की मौजूदगी देखी गयी। इस मौके पर डीडीएम नाबार्ड, नवीन राय ने चटपटा पापड़, तीखा पापड़, पंजाबी पापड़, आलू पापड़, साबूदाना स्पेशल पापड़, तिरंगा पापड़ इत्यादि विभिन्न प्रकार के पापड़ों की चर्चा करते हुए इसे महिलाओं के लिए काफी लाभप्रद उद्योग बताया। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने महिलाओं की समृद्धि की कामना की।