नवगछिया अनुमंडल में आम आदमी द्वारा जाली नोट (रुपये)देने या लेने की बात तो सुनी जाती रही है। लेकिन बैंक द्वारा जाली नोट देने की बात आश्चर्यजनक लग रही है। वह भी किसी आम आदमी को नहीं बल्कि रिर्जव बैंक को जाली नोट भेजने की बात सामने आयी है। जिसमें रिजर्व बैंक की पटना शाखा के सहायक महाप्रबंधक तपन कुमार मंडल द्वारा नवगछिया थाना में एक मामला दर्ज करने का अनुरोध भी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि भारतीय स्टेट बैंक की नवगछिया शाखा से आये नोटों में से पांच सौ का एक तथा एक सौ रुपये का चार नोट जाली है। जो भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 489ए से 489 ई के तहत मुद्रा के जाली नोट का मुद्रण या संचालन का अपराध है। जिसकी सूचना भारतीय करेंसी प्रेस नासिक, महाप्रबंधक देवास तथा राज्य विघि विज्ञान प्रयोगशाला को भी दी गयी है। जाली नोट के इस मामले में नवगछिया थानाध्यक्ष प्रमोद पोद्वार ने बताया कि मामला नवगछिया थाना कांड संख्या 53/11 जो दंड प्रक्रिया संहिता 489 ए एवं 489 बी के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कर लिया गया है। वहीं भारतीय स्टेट बैंक की नवगछिया शाखा के प्रबंधक कैलाश पति झा ने इस मामले में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि मेरे कार्यकाल एक साल के अन्दर कोई रकम रिजर्व बैंक को नहीं भेजी गयी है। इसके बावजूद अगर कोई नोट जाली निकलता है तो उस स्थिति में पैनाल्टी की जाती है। प्राथमिकी दर्ज होने की बात का पता नहीं है। वहीं जानकारों के अनुसार नवगछिया पुलिस जिला क्षेत्र में जाली नोट के मामले तो कई बार सामने आये है। एक बार तो जाहनवी चौक (हाइ लेबल) के पास विक्रमशिला सेतु किनारे नोटों की कतरन भरे बोरे भी देखे गये थे। जो इस क्षेत्र में जाली नोटों के प्रचलन को पक्के विश्वास में बदलने को काफी थे। यह अलग बात है कि अन्य क्षेत्रों में जाली नोट खपाये जाते है। जो हू-ब-हू असली की तरह होते है।
वैदेही गुरुकुल
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