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कहलगांव व्यवहार न्यायालय परिसर में हुआ जलवायु परिवर्तन जागरूकता कार्यक्रम

कहलगांव व्यवहार न्यायालय परिसर में हुआ जलवायु परिवर्तन जागरूकता कार्यक्रम
नव-बिहार समाचार, कहलगांव/ कन्हैया खंडेलवाल। अनुमंडल विधिक सेवा समिति, व्यवहार न्यायालय कहलगांव के तत्वाधान में अवर न्यायाधीश श्री अमित कुमार शर्मा एवम मुंसिफ शिल्पा प्रशांत मिश्रा के निर्देशन में जलवायु परिवर्तन, गहराते जल संकट विषय पर चुल्लू भर पानी शीर्षक से संजीवनी गंगा संस्था पीरपैंती के सहयोग से जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करते हुए समिति के अध्यक्ष अवर न्यायाधीश श्री अमित कुमार शर्मा बताया की प्रकृति के सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण जल के इको सिस्टम को बचाए रखने के लिए पृथ्वी के एक तिहाई हिस्सा पर घने जंगलों पहाड़ों का होना जरूरी है। वर्तमान में वृक्षों के कटने और पानी की बर्बादी से हमारा इको सिस्टम नष्ट होता जा रहा है। इसलिए हम सभी लोगों को अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने शुरू करने चाहिए और वर्षा जल संचयन अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि हम बारिश से भी लाभान्वित हो सकें। समिति के उपाध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी श्री निशांत विवेक ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण का तात्पर्य है कि हम अपने चारों ओर के वातावरण को संरक्षित करें तथा उसे जीवन के अनुकूल बनाए रखें क्योंकि पर्यावरण और प्राणी एक-दूसरे पर आश्रित हैं। अधिक जनसंख्या, जल साइंटिफिक इश्यूज, ओजोन डिप्लेशन, ग्लोबल वार्मिंग से लेकर वनों की कटाई, डिजर्टिफिकेशन और प्रदूषण तक, ये मानव जाति के लिए गंभीर खतरा हैं। इसके अलावा, जब हम अपने दाँत ब्रश करते हैं या अपने बर्तन धोते हैं तो नल को बंद करके भी हम पानी की बचत कर सकते हैं। उन्होंने भरे मंच से यह आश्वस्त किया कि कहलगांव अनुमंडल के समस्त तालाबों का अमृत सरोवर योजना से काया कल्प किया जाएगा। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी श्री शिवानंद सिंह ने बताया कि जल संरक्षण के संसाधनों के उपयोग, आवंटन और संरक्षण आज एक आवश्यक नीति बन गया है। जल संरक्षण से ही पृथ्वी की प्राकृतिक वातावरण मनुष्य और पशुओं का संरक्षण हो पाएगा, इस कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक जगत के स्वास्थ्य को बनाए रखना है: जिसमें मत्स्य, पर्यावास और जैव विविधता शामिल है। इसका द्वितीय उद्देश्य पदार्थ और ऊर्जा का संरक्षण है, जिसकी प्राकृतिक जगत को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। इस अवसर पर नगर पंचायत की  कार्यपालक पदाधिकरी सोनी कुमारी और कहलगांव बार काउंसिल के महासचिव श्री विजय मंडल ने कहा कि आज के समय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का इस्तेमाल गांव के साथ-साथ शहर के लोगों को भी प्रचुर मात्रा में करना चाहिए जिनका संरक्षण ज्यादा ज्यादा किया जा सके और जल का शोधन कम से कम करने के बारे में बताया और उपस्थित लोगों के बीच अपने विचार रखे।

सर्वप्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई तदुपरान्त कैनवास पर रंग भरते हुए अतिथियों ने अपने अपने विचार रखें और अपना अपना हस्ताक्षर भी किया, साथ ही पदाधिकारियों के द्वारा न्यायालय परिसर में नीम का पौधा, अशोक वृक्ष का पौधे, का वृक्षारोपण भी किया गया। विदित हो की संजीवनी गंगा जो एक गैर सरकारी संगठन हैं और उनके संयोजक मोo अयाज के प्रयास से यह कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जो आगामी 05 जून तक अनुमंडल के तीनों प्रखंडो में अनवरत चलते रहेंगे। जिसमें नुक्कड़ नाटक, चित्रकला के माध्यम से बच्चों और आम जनता के बीच जागरूकता लाया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा आम लीची नीम अशोक जामुन आदि का वृक्षारोपण कार्य किया जाना है। इस अवसर पर उपस्थित लोगों के बीच पर्यवारण संकट से जुड़ी समस्या का नुक्कड़ नाटक के माध्यम से संदेश दिया गया और उनके मौलिक अधिकार एवम कर्तव्यों का पाठ भी पढ़ाया गया। मौके पर प्राधिकार के श्री मनीष पांडे ने बताया की अनुमंडल विधिक सेवा समिति, व्यवहार न्यायालय की ओर से इस प्रकार के कार्यक्रम संपन्न किया जा रहा हैं और जिस प्रकार हमारे पूर्वजों ने कुआं में तालाबों में काफी ऊंचे लेवल का पानी देखा लेकिन आज पानी का जलस्तर काफी नीचे चला गया है कई बड़े-बड़े शहरों में पानी के लिए लड़ाई झगड़े उत्पन्न हो गए हैं विदेशों के कई शहर पानी के बिना असहाय महसूस कर रहे हैं और वहां की सरकार अपने हाथ खड़े कर चुकी है इसे देखते हुए भारत को लोगों को जल संरक्षण के प्रति गंभीर होना अतिआवश्यक है क्योंकि भारत में भी कई शहर इस स्थिति में पहुंच सकते हैं, क्योंकि आज की जनरेशन देख रही है कि आज उन्हें बोतलों में पानी देखना पड़ रहा है अगर आज हम लोग जल संरक्षण पर ध्यान नहीं देंगे तो हमारे आने वाली पीढ़ियों को पानी के लिए संघर्ष करते हुए देखना पड़ेगा और प्रकृति हमें माफ नहीं करेगी। इस जागरूकता कार्यक्रम में सैकड़ों आगंतुक जनता दर्जनों अधिवक्तागण समाजसेवक प्रकृतिप्रेमी कन्हैया खंडेलवाल पीएलभी अभिषेक मिश्रा अविकास कुमार सहित कई गणमान्य प्रतिनिधि भी मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन संजीवनी गंगा के श्री अमित कटारूका ने दिया ।