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पीरपैंती विधायक ललन पासवान के बयान से शुरू हुआ विवाद, हिन्दू धर्म पर आघात करने का आरोप

पीरपैंती विधायक ललन पासवान के बयान से शुरू हुआ विवाद, हिन्दू धर्म पर आघात करने का आरोप
NBS NEWS, BHAGALPUR: "लक्ष्मी धन की देवी लेकिन मुस्लिम नहीं मानते हैं तो क्या वे अरबपति नहीं होते हैं"। पीरपैंती भागलपुर के भाजपा विधायक ललन पासवान का धार्मिक मान्यता पर एक डिजिटल चैनल पर दिए इस तरह के बयान से क्षेत्र में विवाद खड़ा हो गया है  इसका वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने कहा है कि सब कुछ मानने पर है। लेकिन जब मान्यता को छोड़कर उसे तर्क की कसौटी से जोड़ेंगे तब वैज्ञानिक सामाजिक सोच होगी तो वह लोग भी हमारे जैसे ही हो जाएंगे।

वायरल वीडियो में उन्होंने कहा है कि मान्यता है कि सरस्वती विद्या की देवी होती है। लेकिन, मुस्लिम भाई सरस्वती की पूजा नहीं करते तो क्या वे लोग विद्वान नहीं होते हैं, आईएएस आईपीएस नहीं होते हैं। मान्यता है कि लक्ष्मी धन की देवी है। दीपावली आ रही है। इसमें लक्ष्मी की पूजा होगी तो धन मिलेगा। लेकिन, इसे मुस्लिम नहीं मानते हैं। वे लोग लक्ष्मी की पूजा नहीं करते हैं तो क्या वे लोग अरबपति खरबपति नहीं होते हैं। इसी कड़ी में विधायक कहते हैं कि ऐसी मान्यता है कि बजरंगबली ताकत के देवता हैं। लेकिन, मुस्लिम व अन्य धर्म के लोग बजरंगबली की पूजा नहीं करते हैं। अमेरिका में बजरंगबली का मंदिर नहीं है। जहां बजरंगबली की पूजा नहीं होती है तो क्या अमेरिका शक्तिशाली राष्ट्र नहीं है। सब कुछ माननीय पर है। मानो तो देव नहीं तो पत्थर। जैसे जैसे मानना छोड़ देंगे वैसे ही वह खत्म हो जाएगा। इसलिए तर्क की शक्ति के आधार पर सोचना होगा।

 विधायक के इस वायरल वीडियो में दिए गए बयान से क्षेत्र में विवाद भी बढ़ गया है। वहीं विधायक के बयान के बाद कुछ लोग आक्रोशित भी हो गए हैं। उन लोगों ने शेरमारी चौक पर विधायक का पुतला भी फूंका है। साथ ही विधायक पर हिंदू धर्म पर आघात करने का आरोप भी लगाया है। प्रदर्शन करने वालों में मुरारी पासवान, मुन्ना सिंह, अंगद मिश्रा, सुधीर पान, मृत्युंजय ठाकुर शामिल थे। इसके अलावा अमरजीत भारती, धीरेंद्र जायसवाल, विनोद पांडे ने भी धरना दिया। उधर विधायक ने कहा कि हमने कुछ भी गलत नहीं कहा है। यह मानने और ना मानने की बात है। विरोध करने वाले बिना वजह का विवाद खड़ा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग पहले भी उनके खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। इसलिए उनके विरोध का कोई मतलब नहीं है। अगर उन लोगों में दम है तो तर्क के साथ बात करें। बिना किसी वजह का विरोध कर उन लोगों का मकसद केवल विवाद खड़ा करना है।