पुलिस जिला नवगछिया के परवत्ता थाना क्षेत्र अंतर्गत तुलसीपुर जमुनियां चौक पर रंगीला पान दुकान के समीप मंगलवार को शाम लगभग साढ़े पांच बजे दो बाइक से आये चार पांच शूटरों ने
जमुनियां गांव के ही 35 वर्षीय युवक मो अबदुल जब्बार की गोली मार कर हत्या कर दी. अपराधियों द्वारा चलायी गयी तीन गोली जब्बार को लगी है. घटना के तुरंत बाद जब्बार की मौत हो गयी. मंगलवार को तुलसीपुर जमुनियां चौक पर हाट लगा था इस कारण चौक पर बड़ी संख्या में लोग सब्जी और राशन खरीद रहे थे. घटना के बाद हाट में भगदड़ मच गयी. फलस्वरूप लोग इधर उधर भागने लगे. इस बीच बाइक सवार अपराधी हवा में हथियार लहराते हुए 14 नंबर सड़क होते हुए तेतरी चौक की ओर भाग गये.
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे परवत्ता थानाध्यक्ष राघव कुमार और नवगछिया के एसडीपीओ प्रवेंद्र कुमार भारती ने घटना स्थल पर मामले की छान बीन की. फिर परवत्ता पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया.
देर रात नवगछिया के एसडीपीओ प्रवेंद्र कुमार भारती अनुमंडल अस्पताल में परिजनों का बयान कलम बद्ध कर रहे थे तो दूसरी तरफ परिजनों की निशानदेही पर परवत्ता के थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी में जुट गये थे.
घटना का कारण समाचार लिखे जाने तक स्पष्ट नहीं हो पाया था. कई प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि मंगलवार को शाम पांच बजे तुलसीपुर चौक पर काफी भीड़ भाड़ थी. लोग सब्जी व रासद के सामान खरीदने में मशगूल थे. जब्बार रंगीला पान भंडार की गुमटी से लगभग सट कर खड़े थे. इसी क्रम में दो उजले रंग की अपाचे बाइक से चार अपराधी सामान्य स्थिति में आये. चारों के चेहरे खुले थे. सभी 20 से 25 वर्ष के थे. दो बाइक को खड़ी कर दोनों बाइक के पीछे बैठे एक एक अपराधी बाइक से उतरे और दो बाइकों पर ही रहे. दोनों के हाथ में पिस्टल था. दोनों एका एक जब्बार की ओर झपटे और फायरिंग शुरू कर दी. पहली गोली लगते ही जब्बार जमीन पर लुढ़क गये थे, इसके बाद अपराधियों ने चार गोली चलायी और जब आश्वस्त हो गये कि जब्बार मारा जा चुका है तो दोनों अपराधी बाइक पर बैठ कर भाग गये.
मालूम हो कि इसी वर्ष 12 जुलाई को मो जब्बार को ठीक इसी अंदाज में एक ही बाइक से आये तीन अज्ञात अपराधियों ने जमुनियां के ही एक चाय दुकान पर गोली मार दी थी. उस समय गोली जब्बार के हाथ में लगी थी और वह इलाज के बाद ठीक हो गया था. उक्त मामले की प्राथमिकी भी परवत्ता थाने में ही दर्ज की गयी थी. घटना के लगभग दो माह बाद भी पुलिस अपराधियों का पता नहीं लगा पायी है. पुलिस का कहना है कि जब्बार और उसके परिजनों से बार बार पूछे जाने के बाद भी उसने कभी दुश्मनी का कारण या फिर किसने उस पर जानलेवा हमला किया, इन बातों के पुलिस के समक्ष नहीं बताया. इधर ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस जब्बार पर हुए हमले के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लेती तो आज अपराधी जब्बार की हत्या करने की साहस नहीं करते.
इस घटना के सिलसिले में एसडीपीओ प्रवेंद्र भारती ने बताया कि घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है. परिजनों से बयान लिया जा रहा है और प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है. जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.