पटना। मैट्रिक औ इंटरमीडियट की परीक्षा को पूर्ण कदाचारमुक्त बनाने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से महत्वपूर्ण कदम उठाये गए है। बोर्ड ने कदाचार जांच समिति को पुनगर्ठित करते हुए उसमें चार और नये सदस्यों को मनोनीत करने का निर्णय लिया है। वहीं समिति ने वर्ष 2019 की वार्षिक माध्यमिक एवं इंटरमीडियट की परीक्षा के मूल्यांकन केन्द्रों पर बारकोडेड उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के पश्चात इंट्री कराने का निर्णय लिया है।
दरअसल आज बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के शासी निकाय की बैठक हुई। इस बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर, सचिव अनुप कुमार सिन्हा समेत सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिसमें सबसे ज्यादा जोर मैट्रिक और इंटरमीडियट की परीक्षा को पूरी तरह से कदाचारमुक्त बनाने पर रहा। इसके तहत पूर्व से बने कदाचार जांच समिति को पुनगर्ठित करते हुए उसमें चार नये सदस्यों को शामिल किया गया।
वहीं बैठक में वर्ष 2019 में मैट्रिक और इंटरमीडियट परीक्षा के उत्तर-पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए निर्धारित की राशि पर पुर्नविचार करते हुए रद्द कर दिया गया। बैठक में बिहार विद्यालय परीक्षा समित को पूरी तरह से पेपरलेस बनाने और सारे कार्य को कम्प्यूटराईज्ड करते हुए ERP नामक एकीकृत आई.टी प्रणाली के माध्यम कार्यान्वित करने का निर्णय लिया गया।
इसके साथ ही पूर्व में उत्तर-पुस्तिका मूल्यांकन में गड़बड़ी समेत कई मामलो को लेकर 33 इंटर कॉलेजों की मान्यता को निलंबित किया गया था। उन्हें निलंबन से मुक्त करते हुए पुन: संबंद्धता दिये जाने का निर्णय समिति द्वारा लिया गया।