नईदिल्ली। दिल्ली सरकार का पर्यावरण विभाग प्लास्टिक कचरा कम करने के लिए आगे आया है। इसके लिए सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक के गिलास और पानी की बोतल आदि के प्रयोग को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का निर्देश जारी किया गया है।
निर्देश में कहा गया है कि प्लास्टिक कचरा खत्म करने की शुरुआत हमें सरकारी विभागों से करनी होगी। इसलिए एक बार प्रयोग होने वाले प्लास्टिक (पानी की बोतल, प्लास्टिक कप, गिलास, चम्मच आदि) की वस्तुओं का प्रयोग बंद करने की जरूरत है। उसकी जगह दूसरे विकल्पों पर काम करना होगा। विश्व पर्यावरण दिवस की थीम बीट भी प्लास्टिक प्रदूषण को क्रमश: कम करना है। एक बार प्रयोग होने वाले प्लास्टिक का प्रयोग बंद कर इसकी शुरुआत की जा सकती है। दूसरे लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ इसके प्रचार-प्रसार के लिए कार्यशाला, संगोष्ठी जैसे आयोजन करने होंगे।
प्लास्टिक कचरा निकालने में दिल्ली दूसरे राज्यों से आगे : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से इसी साल जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, छह साल पहले साल 2012 में दिल्ली में प्लास्टिक की थैलियों पर पाबंदी लगा दी गई थी। बावजूद इसके दिल्ली प्लास्टिक कचरा निकलाने में सभी राज्यों से आगे है।
भारत में रोजाना 15 हजार 342 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। इसमें अकेले 690 टन कचरा रोजाना सिर्फ दिल्ली से निकलता है। इसके अलावा चेन्नई में 429.4 टन, कोलकाता में 425.7 टन और मुंबई में 408.3 टन प्लास्टिक कचरा रोज निकलता है।