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नवगछिया में चलते हैं खटारा स्कूली वाहन, छात्रों को खतरा, प्रशासन उदासीन

नव-बिहार समाचार, नवगछिया। कहा जाता है कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं। लेकिन इन बच्चों का भविष्य तो आम लोगों के साथ साथ प्रशासन की व्यवस्था पर भी निर्भर करता है। भागलपुर जिला प्रशासन द्वारा समय समय पर जारी स्कूली वाहनों की जांच का आदेश सरकारी फाइलों में ही सिमट कर रह जाने का नतीजा 27 दिसंबर को उस समय दिखाई दिया जब खटारा स्कूल बस की टक्कर में छह बच्चे घायल हो गए। इस स्कूली बस में क्षमता से अधिक छात्र बैठे हुए थे। वाहन में 25 छात्र के बैठने की व्यवस्था है। जबकि बस बैठी शिक्षिका ने बताया कि बस में 36 बच्चे सवार थे।

सुबह सुबह बच्चों को स्कूल ले जाने के क्रम में ही चीकू ट्रेवल्स की BR11B 0241 नंबर की बस की सीधी टक्कर राष्ट्रीय उच्च पथ 31 पर सामने से आ रही BR07G 5575 नंबर की पिकअप वैन से हो गयी।जिसमें एक शिक्षिका सहित छह बच्चों को चोट आयी।

मौके पर पहुंचे अभिवावकों का कहना था कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन पुराना था। बस यात्री ढोने लायक नहीं रहने पर छात्रों को ढोया जा रहा था। बस का फिटनेश भी ठीक नहीं है। स्कूल द्वारा बस का किराया लिया जाता है फिर खटारा बस में भेजा जाता है। बस काफी पुराना माडल का है। बिहपुर थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार ने बताया कि वाहन को पुलिस ने कब्जे में रखा है। घटना की जांच की जायेगी।

बताते चलें कि नवगछिया अनुमंडल की दर्जनों स्कूलोें के हजारों बच्चों को स्कूली बसों के अलावा भारी संख्या में टेम्पो, मैजिक, बोलेरो, सूमो एवं साइकिल रिक्सा से ढोया जाता है। जिनमें क्षमता से अधिक बच्चों को जानवरों की तरह ठूंसा भी जाता है। इन वाहनों में न तो मेडिकल किट होता है और न ही वाहनों का पूरा फिटनेस होता है। अग्नि शमन यंत्र तो बहुत दूर की बात लगती है। कई वाहन सिर्फ ड्राइवर के भरोसे ही चलते हैं जिनमें कोई सहायक तक नहीं रहता। कई वाहन चालकों के पास तो लाइसेंस तक भी नहीं रहता है।