पटना : बिहार में मची सियासी उठा पटक के बाद कहीं नेताओं में खुशी तो कहीं नाराजगी और बगावती तेवर भी देखे गए. नीतीश कुमार एनडीए में जुड़े तो उनकी ही पार्टी में कुछ नेता नारज हो गए. जिसमें जदयू से राज्यसभा सांसद शरद यादव खासे नाराज बताये जा रहे हैं. नीतीश कुमार के फैसले से दुखी शरद यादव तो चुप्पी साध कर खुद को कमरे में बंद कर लिए. मीडिया की एंट्री बंद कर दी. जिससे कई अटकलें लगाई जाने लगी कि शरद यादव कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. शायद वो जदयू से नाता तोड़ राजद या कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. इन सब घटनाक्रम के बाद अब शरद यादव ने चुप्पी तोड़ते हुए सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है.
शरद यादव ने अपने ट्वीट में केंद्र की एनडीए सरकार पर जम कर हमला बोला है. उन्होंने अपने ट्वीट में केंद्र सरकार को 2014 के लोकसभा चुनाव में किये गए वादों की याद दिलाते हुए प्रहार किया है. शरद यादव ने कहा कि अब तक विदेश में जमा काला धान वापस देश में नहीं आ सका है. जो कि सत्ता में बैठी पार्टी का मुख्य स्लोगन था. न हीं पनामा पेपर केस में भारत में आरोपियों पर कोई कार्रवाई ही हुई है. उनके इस तेवर से यह साफ़ संकेत मिल रहे हैं कि वे बगावत के मूड में हैं.
आपको बता दें कि जिस दिन (27 जुलाई) नीतीश ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर सीएम पद की शपथ ली. उस दिन के घटनाक्रम में ही ये बात भी सामने आई की बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शरद यादव से बात की है.
शरद यादव की चुप्पी के बाद मीडिया में यहां तक खबरें भी आने लगी की शरद जी जेटली की बात मान चुके. लेकिन आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने शरद से लगातार संपर्क बनाए रखा था. एक चैनल पर तो लालू यादव ने ये तक कहा कि मेरी शरद जी से फोन पर बात हुई है और वो हमारे साथ है.