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अब बिहार में हुआ नाश्ता घोटाला, दो समोसे की कीमत एक किलो चिकन से ज्यादा

बक्सर। आपने घोटाले तो कई तरह के सुने होंगे, जैसे चारा घोटाला, मिट्टी घोटाला, 2 जी स्‍पेक्‍ट्रम घोटाला, कोल गेट घोटाला, कॉमनवेल्‍थ घोटाला, मेरिट घोटाला। लेकिन बिहार में एक और घोटाला सामने आया है, वह है नाश्‍ता घोटाला। नाश्‍ता घोटाला में 2 समोसा 266 रूपये में खरीदा गया है। जो कि बाजार में महज 10 से 20 रूपये में मिल जाते हैं। बाजार की बात करें तो एक किलो चिकन की कीमत भी 266 रूपये से कम है, यानि इन दो समोसों की कीमत से कम है।

बक्सर के चौसा में बाल विकास परियोजना के अंतर्गत चल रहे प्रशिक्षण में आंगनबाड़ी सेविकाओं को 266 रुपये में दो समोसे दिए जा रहे हैं। हद तो यह कि इसका खुलासा होने के बाद बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने व्यवस्था में सुधार न कर व्यवस्था पर अंगुली उठाने वाली सेविकाओं से ही स्पष्टीकरण मांग दिया।

और तो और इस दौरान उन पर प्रशिक्षण में बाधा उत्पन्न करने और अनुशासनहीनता का अरोप भी लगाया गया। इधर, ढाई सौ से ज्यादा के खर्चे में केवल दो समोसे आने से सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं और पूरे मामले की जांच की मांग शुरू हो गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार चौसा बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने स्पष्टीकरण में लिखा है कि आपको यदि कोई समस्या थी तो लिखित या मौखिक रूप से इसकी शिकायत पदाधिकारी से करनी चाहिए थी। उन्होंने सेविकाओं को इस कृत्य के लिए वरीय पदाधिकारी को प्रतिवेदित करने की चेतावनी दी है।

उधर, चौसा की सेविकाओं की प्रखंड अध्यक्ष रीता देवी ने बताया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान सरकार ने मेनू निर्धारित कर रखा है। जिसके तहत उन्हें चाय-नाश्ता से लेकर दोपहर का भोजन व अन्य सामग्री उपलब्ध करानी है।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कुल मिलाकर सेविकाओं पर 266 रुपये खर्च करने हैं। परन्तु यहां दो समोसे से ही काम चला दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सीडीपीओ से शिकायत के बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर मीडिया में इसकी शिकायत करने पर सीडीपीओ द्वारा फोन पर धमकी भी दी जा रही है।

श्रीमति रीता ने बताया कि सीडीपीओ उन्हें पोषाहार नहीं देने, मानदेय रुकवा देने से लेकर चयन मुक्त कर देने की धमकी दे रही हैं। इस बाबत सीडीपीओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी।