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बेंगलुरू जेल से हुई जयललिता की रिहाई, चेन्नई पहुंचने पर भव्य स्वागत


भ्रष्टाचार के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने और चार साल की सजा पर रोक लगाए जाने के बाद अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जे जयललिता शनिवार को बेंगलुरू की सेंट्रल जेल से रिहा होकर चेन्नई पहुंचीं जहां भारी बारिश के बावजूद बड़ी तादाद में मौजूद समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया।
विशेष अदालत के न्यायाधीश जॉन माइकल डी’ कुन्हा की ओर से रिहाई के आदेश जारी करने और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता (66) द्वारा सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वह बेंगलूर के परप्पना अग्रहार सेंट्रल जेल से बाहर आईं।
जयललिता के लिए दो करोड़ रुपये की जमानत राशि और संपत्ति पर एक करोड़ रूपये से ज्यादा का मुचलका भरने के बाद विशेष अदालत ने रिहाई के आदेश जारी किए। उनके वकीलों ने उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति भी पेश की। जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला और उनके रिश्तेदार सुधाकरन और इलावरसी ने भी इसी तरह की शर्तें पूरी की जिसके बाद उन्हें भी जेल से रिहा कर दिया गया।
शशिकला और इलावरसी जयललिता की कार में थे जबकि अन्नाद्रमुक प्रमुख के परित्यक्त पुत्र सुधाकरण दूसरी गाड़ी में थे। चाक-चौबंद सुरक्षा के बीच जयललिता जेल से बाहर आईं और बड़ी संख्या में अन्नाद्रमुक समर्थकों ने उनका अभिवादन किया। सेंट्रल जेल से एचएएल हवाई अड्डे तक के एक किलोमीटर के रास्ते में कई जगहों पर मौजूद अन्नाद्रमुक समर्थकों ने अपनी नेता को बधाई दी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, कई मंत्री, सांसद और विधायक जेल के पास जयललिता के बाहर निकलने का इंतजार कर रहे थे। जयललिता ने मुस्कुराते हुए अपने समर्थकों का अभिवादन किया। उनके समर्थकों के हाथों में अपनी नेता की तस्वीरें और फूल थे। उन्होंने जयललिता की कार पर उस वक्त फूल बरसाए जब उनका काफिला हवाई अड्डे की तरफ जा रहा था। हवाई अड्डे से जयललिता एक चार्टर्ड विमान के जरिए चेन्नई रवाना हुईं।
अन्नाद्रमुक नेता के आगमन से पहले चेन्नई में सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गई थी। हवाई अड्डे के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री के पॉएस गार्डन स्थित आवास पर भी उनके समर्थक नारे लगा रहे थे और अपनी नेता को क्रांतिकारी नेता कहकर उनकी तारीफ कर रहे थे।
आय के ज्ञात स्रोतों से 66.65 करोड़ रुपए अधिक अर्जित करने के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 21 दिन जेल की सजा काटने के बाद जयललिता को जमानत पर रिहा किया गया है। वह पिछले 27 सितंबर से जेल में बंद थीं। पिछले दो दिनों से चेन्नई में हो रही बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में अन्नाद्रमुक समर्थक हवाई अड्डे से पॉएस गार्डन स्थित जयललिता के आवास तक जाने वाले रास्ते में डटे थे। कई जगहों पर अन्नाद्रमुक के उत्साही समर्थकों ने पूर्व मुख्यमंत्री के काफिले पर फूल बरसाए।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने ‘अम्मा’ (मां) की प्रशंसा में हवाई अड्डे के पास बैनर-पोस्टर लगा रखे थे। जयललिता के समर्थक उन्हें ‘अम्मा’ कहते हैं। अपनी नेता की एक झलक पाने के लिए आए अन्नाद्रमुक के कट्टर समर्थकों ने विश्वास जाहिर किया कि वह इस मुकदमे में सफलतापूर्वक बाहर निकल आएंगी।
जयललिता पूजा-अर्चना के लिए एक मंदिर में कुछ देर के लिए रूकीं। जयललिता को उच्चतम न्यायालय से शुक्रवार को उस वक्त राहत मिली जब उन्हें सशर्त जमानत दे दी गई। बेंगलूर की निचली अदालत द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में उन्हें सुनाई गई चार साल जेल की सजा को भी उच्चतम न्यायालय ने निलंबित कर दिया। जयललिता के फोटो और हाथों में फूल लिए हुए अन्नाद्रमुक समर्थकों ने जेल से बाहर उनके काफिले के गुजरने के बाद उत्सव मनाया।
अन्नाद्रमुक समर्थकों के बड़ी संख्या में आने के अनुमान के तहत जेल के आसपास सिटी आम्र्ड रिजर्व सहित सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और अधिकारियों ने निषेधाज्ञा लागू की थी। अन्नाद्रमुक प्रमुख के ‘जेड’ प्लस सुरक्षा को देखते हुए पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों के निरीक्षण में सुरक्षा बढ़ा दी और जेल परिसर के आसपास के इलाकों में बैरीकेडिंग कर दी और जेल की तरफ जाने वाले रास्ते को एक किलोमीटर दूर ही जाम कर दिया। पनीरसेलवम और उनका काफिला आज सुबह ही बेंगलूर पहुंच गया था।
कर्नाटक..तमिलनाडु सीमा पर होसुर में पुलिस और सिटी आम्र्ड रिजर्व ने कड़ी निगरानी बनाए रखी और पड़ोसी राज्य से शहर में आने वाले वाहनों को नियंत्रित किया। जेल होसुर प्वाइंट से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अन्नाद्रमुक समर्थकों का समूह होसुर में इकट्ठा हुआ और नेता की प्रशंसा में नारेबाजी की। कर्नाटक उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिलने के बाद जयललिता एवं तीन अन्य ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।