बिहार के नौ जिलों में एक बार फिर कोसी के कहर का खतरा मंडराने लगा है। यह खतरा नेपाल से निकलने वाली एक पहाड़ी नदी में हुए भूस्खलन के बाद पैदा हुआ। बिहार सरकार ने एहतियातन नौ जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। यही नहीं कोसी से सटे निचले इलाकों को खाली भी कराया जा रहा है। केंद्र सरकार ने भी खतरे से निपटने के लिये भारी संख्या में एनडीआरएफ की टीमें वहां भेजी हैं।
बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी एक बार फिर कहर ढाने को तैयार दिख रही है। ये खतरा नेपाल में हुए भूस्खलन के बाद पैदा हुआ है। बिहार के आठ जिले सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, पुर्णिया, मधुबनी, भागलपुर, खगडिया के लोगों के होश उडे हुए हैं। इस इलाके में एनडीआरएफ की 13 टीमें एहतियाती इंतजाम में तैनात कर दी गई हैं। सरकार भी खतरे से निपटने के लिये हर तरह के प्रयास कर रही है।
बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि कोसी नेपाल भाग में कई नदियों से मिलकर बिहार में आती है। दो नदिया हैं कोसी के नाम का। सिंधु पालचक इलाके में एक किलोमीटर के क्षेत्र में लैंडस्लाइड हुआ है। जिसके चलते पानी का प्रवाह रुक गया था। जैसे की संभावना थी कि खतरा था, जो अभी भी बना हुआ था। वहां पर पानी जमा हो गया है। वहां पर नेपाल सेना ने उस अवरुद्ध को विस्फोट करके हटाया था।
दरअसल शनिवार को बिहार सरकार को नेपाल से संदेश मिला कि नेपाल से निकलने वाली नदी में लैण्ड स्लाइड हो गया है। जिसकी वजह से पानी निकलने का रास्ता बन्द हो गया है। जैसे ही ब्लास्ट के बाद इस रूट को खोला जायेगा। एका-एक पानी निकलने की वजह से कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध टूट सकता है। हालांकि नेपाल में चट्टान को ब्लास्ट से तोड दिया गया है। लेकिन पानी को चार सौ किलोमीटर दूर कोसी बैराज पहुंचने में वक्त लगेगा। केंद्र सरकार भी इस मामले में बिहार को पूरी मदद दे रही है। यही नहीं अधिकारियों की एक टीम नेपाल में भी आपदा का आंकलन कर रही है।
8 डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स पहुंच चुकी है। 7 रास्ते में है। 5 अभी स्टैंडबाई में रखी कगई है। एनडीआरएफ अपने साथ नावें लेकर जा रहे हैं। एक कॉलम सुपौल औऱ एक कॉलम सहरसा में पहुंच चुकी है सेना की। सुकना से कटिहार के लिए 3 कॉलम मूव की गई है। साथ इंजीनियर कोर के भी कॉलम मूव की गई है।
बिहार के सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि केंद्र से हम सभी सहायता मिली है। राजनाथ सिंह और राधामोहन जी से मेरी बात हुई है। केंद्र सरकार ने संभावित खतरे को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों के लिए आर्मी और एयरफोर्स को भी अलर्ट कर दिया है।
रविवार शाम दिल्ली से 25 लोगों की मेडिकल टीम के साथ 20 डॉक्टरों की टीम भी भेजी गई है। राज्य सरकार को केंद्र की तरफ से 15 सेटेलाइट फोन दिए गए हैं। साथ ही प्रभावित लोगों के लिए खाद्यान्न की भी व्यवस्था की जा रही है।
इस संभावित खतरे के मद्देनजर जल संसाधन विभाग के सभी इजिनीयरों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है। तो वही किसी भी अनहोनी से निपटने के लिये सरकार पुरी तरह से मुस्तैद हो चुकी है। लेकिन शायद यहां के रहने वाले लोगो से लेकर अधिकारियों तक को तभी चैन मिलेगा। जब खतरा पुरी तरह से टल जायेगा।