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उप्र : बाढ़ से 1500 गांव प्रभावित, 28 लोगों की मौत


नेपाल में बादल फटने से उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ के कहर से अब तक 28 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है जबकि दर्जनों लोग अभी भी लापता हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने रविवार को यह जानकारी दी।
आलोक रंजन ने राजधानी में पत्रकारों को बताया कि उत्तराखंड में भारी वर्षा व नेपाल में बादलों के फटने के कारण प्रदेश की कई नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ जाने के कारण प्रदेश के 9 जनपद प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि घाघरा, शारदा, सरयू, राप्ती एवं अन्य सहायक नदियों मे अचानक जलस्तर बढ़ जाने से लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, फैजाबाद तथा सिद्घार्थनगर जनपद प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों एवं व्यक्तियों को राहत प्रदान कराये जाने के लिए 73 राहत शिविर एवं 77 बाढ़ चौकियां स्थापित करा दी गई है।
आलोक रंजन ने कहा कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए लगभग 679 नावें तथा आर्मी के दो हेलीकाप्टर का उपयोग कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत दल) भी प्रभावित लोगों की मदद हेतु तैनात करा दिया गया है।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित लोगों से निरन्तर सम्पर्क रखकर आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने की जानकारी एवं कुशल क्षेम अवश्य प्राप्त की जाए।
मुख्य सचिव ने बताया कि बाढ़ की विभीषिका से सबसे ज्यादा बहराइच जिला प्रभावित हुआ है। यहां की दो तहसीलों के 202 से अधिक गांव जलमगA हो गए हैं और अब तक यहां 14 लोगों के मरने की खबर है। इस जिले के प्रभावित क्षेत्रों के 200 से अधिक घर भी बाढ़ से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
आलोक रंजन ने बताया कि बहराइच में एनडीआरएफ के अलावा पीएसी की दो प्लाटून और लगभग 300 नावों को राहत कार्य में लगाया गया है। साथ ही सेना के दो हेलीकॉप्टर पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं और राहत सामग्री बांटने में लगे हैं। अब तक बहराइच के 4800 लोगों को राहत शिविरों तक पहुंचाया जा चुका है।
मुख्य सचिव का कहना है कि बहराइच में जल्द ही बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि वहां पानी का स्तर कम होने का संकेत मिला है।
बाढ़ से दूसरा सबसे अधिक प्रभावित जिला श्रावस्ती है जहां दो तहसीलों के 117 गांव पानी की चपेट में आ गये हैं। यहां से अब तक दो लोगों के मरने की खबर है।
मुख्य सचिव ने बताया कि जहां बहराइच में पानी स्थिर हो गया है वहीं बलरामपुर में पानी का स्तर बढ़ना जारी है। यहां तीन तहसीलों के लगभग 76 गांव अब तक बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। अभी तक एक मौत की पुष्टि हुई है। राहत कार्य में लगे दल ने अब तक 660 लोगों को सुरक्षित निकाला है।
आलोक रंजन ने बताया कि लखीमपुर खीरी जनपद के पांच तहसील स्थित 157 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इस जिले से अब तक सात लोगों के मरने की खबर मिली है। साथ ही 200 से अधिक मकान पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के लिए मुख्य सचिव ने आज लखनऊ में एक आपातकालीन बैठक की और सभी संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी किये।
मुख्य सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चलाने व तत्काल प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से शासन द्वारा 51 करोड़ रूपये भेज दिये गये हैं।
उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार को डेढ़ लाख व गंभीर घायलों को 62 हजार रूपए मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे। इसके अलावा पक्के मकानों के क्षतिग्रस्त होने पर 70 हजार और कच्चे मकानों के लिए 17 हजार रूपए दिए जाएंगे। बाढ़ में जिन किसानों की फसल का नुकसान हुआ और उनकी असिंचित भूमि के लिए प्रति हेक्टेअर साढ़े चार हजार और सिंचित भूमि के लिए प्रति हेक्टेअर नौ हजार का मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्य सचिव ने बताया कि नेपाल से एक राहत भरी खबर आई है कि वहां बाढ़ के पानी का स्तर कम हो रहा है। अगर यह प्रक्रिया जारी रही तो अगले एक दो दिन में सूबे में भी बाढ़ का कहर थम जाएगा।