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खुशखबरी : अब मिनिमम पेंशन 1 हजार, 15 हजार से ऊपर तनख्वाह वालों के खुलेंगे खाते


कर्मचारी भविष्य निधि योजना संगठन (ईपीएफओ) में जिनका खाता है, उनके लिए है खुशखबरी. संगठन ने फैसला किया है कि अक्टूबर से सभी अंशधारकों को कम से कम एक हजार रुपये की पेंशन दी जाएगी. नरेंद्र मोदी सरकार ने इसकी अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दी. इसके तहत ईपीएफ के लिए अधिकतम वेतन सीमा भी बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दी गई है. ये फैसले 1 सितंबर से लागू होंगे. कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में न्यूनतम पेंशन 1 हजार रुपये करने से 28 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा. इसके साथ ही ईपीएफओ का अंशधारक बनने की पात्रता के लिए वेतन सीमा को 6,500 रुपये मासिक से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी इस योजना के दायरे में आ जाएंगे. इन फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए ईपीएफओ के सेंट्रल प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर केके जालान ने कहा, 'सरकार ने वेतन सीमा बढ़ाकर 15,000 प्रतिमाह किए जाने, ईपीएफ-95 के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये और कर्मचारी की ईपीएफ जमा से जुड़ी बीमा (ईडीएलआई) योजना के तहत अधिकतम बीमित राशि तीन लाख रुपये करने की अधिसूचना जारी कर दी है.' जालान ने कहा, 'अब ईडीएलआई के तहत अधिकतम बीमा राशि 3.6 लाख रुपये हो जाएगी, जिसमें अधिसूचना के तहत तय राशि पर 20% (60,000 रुपये) का तदर्थ लाभ भी शामिल है.' इसका अर्थ है कि यदि ईपीएफओ अंशधारक की मृत्यु होती है तो उनके परिवार को फिलहाल मिलने वाली 1.56 लाख रुपये की राशि जगह 3.6 लाख रुपये मिलेंगे. जालान ने कहा कि न्यूनतम पेंशन, वेतन सीमा और ईडीएलआई संबंधी अधिसूचना 1 सितंबर से प्रभावी होगी. इस तरह उन सभी पेंशनधारकों को जिन्हें फिलहाल 1,000 रुपये प्रतिमाह से कम पेंशन मिल रही है, उन्हें अक्टूबर से कम-से-कम इतनी राशि मिलेगी.