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विक्रमशिला सेतु पथ की सड़क देख कांपने लगती है रूह


राजेश कानोडिया, नवगछिया। 
नवगछिया से अपने जिला मुख्यालय भागलपुर को जोड़ने वाले विक्रमशिला सेतु पथ की स्थिति को देखते ही हर किसी की रूह कांप उठती है। जिससे गुजरने वाला हर नया व्यक्ति तो इस मार्ग से दुबारा जाने से तौबा करना ही अच्छा समझता है। वह कहता है कि इस पाँच छह किलोमीटर के रास्ते से जाने की अपेक्षा ज्यादा आसान है नवगछिया से ढाई सौ किलोमीटर दूर पटना जाना। क्योंकि जिल्लत भरे रास्ते से सफर करना काफी दूभर है। जहां रास्ते में पीने को पानी तक की समस्या हो जाती है। 

ये है सड़क की हालत 
नवगछिया जीरो माइल से जहान्वी चौक के बाद पुल के प्रारम्भ होने से पहले तक सारी सड़क की स्थिति काफी भयावह हो चुकी है। हर जगह जगह से उखड़ रही है सड़क की गिट्टियाँ। जिसे ठीक करने वाला अथवा सुधारने वाला कोई नजर ही नहीं आता है। इसके अलावा पूरा रास्ता भरा पड़ा है हजारों गड्ढे से। जिसमें भर जाता है वर्षा का पानी। गड्ढों के बीच बीच में बन गए हैं टीले। 

चालक भूल जाते हैं नियम 
विक्रमशिला सेतु पथ की इस भयानक दुर्दशा को देखते हुए वाहन चालक सड़क पर वाहन चलाने का सारा नियम ही भूल जाते हैं। इस दौरान सिर्फ एक ही बात दिमाग में पैदा होने लगती है कि दायें से या बायें से अथवा बीच से किसी भी तरह से पहले अपना वाहन तो निकल जाय। अगर कहीं वाहन रास्ते में अटक गया तो किस परिस्थिति में कितना समय वहाँ बिताना पड़ेगा, यह सोच से भी परे है। 

हल्के वाहन चालकों ने कर ली है तौबा 
नवगछिया से भागलपुर जाने वाले अथवा भागलपुर से नवगछिया आने वाले हल्के वाहन चालकों तथा बाइक चालकों ने तो इस रास्ते से तौबा ही कर ही ली है। इनके द्वारा सेतु निर्माण के समय से भी पुराने रास्ते को ही अपनाया जा रहा है। जो जहान्वी चौक से पूरब होते हुए छोटी परवत्ता, साहू परवत्ता, जगतपुर, गरैया, तेतरी दुर्गा स्थान के रास्ते एनएच 31 में मिलता है। 

क्या कहते हैं वाहन चालक 
इस रास्ते से गुजरने वाले वाहन के चालक मुनेश्वर पासवान, लाल जी सिंह इत्यादि कहते हैं कि जब लोहे से बने वाहन के पेंच पुर्जे तक हिल जाते हैं। इस हालत में हाड़ मांस से बने इस शरीर के अस्थि पंजर की दुर्दशा किसी से कही नहीं जा सकती। बाइक चालक रमेश सिंह, धीरज कुमार दीपक कुमार इत्यादि का कहना है कि इस पुल का रास्ता इतना खराब हो गया है कि अब तो रीढ़ की हड्डी में भी दर्द रहने लगा है। बाइक को भी हमेशा ठीक ठाक कराना पड़ता है।