जब केंद्र की एनडीए सरकार में रेल मंत्री सदानंद गौड़ा 8 जुलाई को अपना पहला रेल बजट पेश करेंगे तो उन पर एक ओर जनता की अपेक्षाओं का और दूसरी ओर रेलवे के लगातार बढ़ते खर्च का दबाव होगा। मोदी सरकार अपने पहले रेल बजट में कुछ उन योजनाओं का प्रस्ताव भी जरूर करना चाहेगी जिनसे लगे के रेलवे के 'अच्छे दिन आने वाले हैं'। गौरतलब है कि रेलवे ने पिछले दिनों ही यात्री और माल भाड़े के किराए में बढ़ोतरी की है।
नई सरकार ने पिछले दिनों अपने दो निर्णयों से कल के बजट के लिए अपने रुख के संकेत दिए हैं। जानकार बताते हैं कि यात्री किराए में बजट से पहले बढ़ोतरी सरकार के इस बात के संकेत हो सकते हैं रेल बजट कठोर और व्यावहारिक होंगे। साथ ही दिल्ली से आगरा तक मिनी बुलेट ट्रेन को दौड़ाकर यह संकेत भी देने का प्रयास किया गया है कि सरकार रेलवे के आधुनिकीकरण और नई परियोजनाओं को लेकर सकारात्मक रुख रखेगी।
जहां तक लोगों की अपेक्षाओं का सवाल है बजट में हाई स्पीड ट्रेन को लेकर लोगों की काफी उम्मीदें हैं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अरुनेन्द्र कुमार कह भी चुके हैं कि 2014 के अंत तक तक दिल्ली-आगरा रूट पर ऐसी ट्रेन चलने लगेगी। बुलेट ट्रेन के सपने को पूरा करने के लिए संभावित खर्च को लेकर पीपीपी मॉडल का रास्ता अपनाया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक कल के बजट में कुछ नए मार्गों पर हाई स्पीड ट्रेनों को लेकर संभावना टटोलने का ऐलान किया जा सकता है।
बजट में शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में ऑटोमैटिक दरवाजे, आग से बचाव आदि सुरक्षा उपायों पर भी ऐलान संभव है। साथ ही पुराने कोचों को बदले नए कोच लगाना, टक्कर रोधी प्रणाली लगाना, पुरानी पटरियों को बदलने जैसे सुरक्षा उपायों का भी ऐलान हो सकता है।
हाल ही में प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशनों पर खर्च होने वाली बिजली के लिए गैर परंपरागत स्रोतों पर ध्यान देने को कहा है। प्रधानमंत्री ने कटरा रेलवे स्टेशन के उद्घाटन के मौके पर उसे सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भर बनाकर एक मॉडल स्टेशन बनाने का ऐलान किया था। जानकारों का मानना है कि ऊर्जा संरक्षण के संबंध में भी इस रेल बजट के दौरान महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती है।
रेल बजट को लेकर जिन घोषणाओं पर सबसे ज्यादा निगाहें होती हैं वे यात्री सुविधाओं से संबंधित है। जानकारों का मानना है कि कई ट्रेनों में वाई-फाई कनेक्शन, छोटे टीवी लगाना और खाने के सामानों में गुणवत्ता लाने जैसी घोषणाएं इस रेल बजट का हिसा हो सकती हैं। इसके अलावा रेलवे जैसे विशाल विभाग में एफडीआई की नीतियों से संबंधित महत्वपूर्ण और दूरगामी फैसले लिए जा सकते हैं।