ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर नवगछिया अनुमंडल के बोड़बा स्थित संत कबीर आश्रम में संत शिरोमणि कबीर साहब का 616 वां अवतरण दिवस काफी श्रद्धा पूर्वक धूमधाम से मनाया गया । इस मौके पर सुबह उनके प्रसिद्ध ग्रंथ बीजक का पाठ किया गया। इसके बाद झंडोत्तोलन किया गया। दोपहर बाद देर शाम तक सत्संग और विचार गोष्ठी तथा भंडारा का कार्यक्रम चलता रहा। जिसकी अध्यक्षता शंभू शरण साहब ने की। मंच संचालन संतमत अनुयायी श्रवण बिहारी ने किया।
इस मौके पर कबीर पंथ से जुड़े अनेक संत महात्माओं का भी आगमन हुआ। विचारों की कड़ी के दौरान शंभू शरण साहब ने कहा कि हमारी इच्छायें ही हमें बांधती है । धन की इच्छा दरिद्रता का बोध कराती है, सम्मान की इच्छा अपमान का बोध कराती है। अत्येव इच्छा ही विष है और इच्छा त्याग ही अमृत है।
वहीं मौके पर आयोजक हीरामन साहेब ने कहा कि सत्संग ही जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि है। जो बिना पुण्य के संभव नहीं हो सकता। इस अवसर पर रंजन बिहारी एवं श्रवण साहब द्वारा भजनों की प्रस्तुती भी की गयी। मौके पर सुभाष बाबा और सुबोध जी भी मौजूद थे।