भागलपुर जिला के नवगछिया स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में प्रसव पीड़िता व उसके सहयोगी के साथ खुले आम हो रहा अमानवीय अत्याचार ।
जिसके शिकार अक्सर होते हैं इस अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके सहयोगी।
जहां प्रसव के दौरान रकम वसूली की भी शिकायत मिलती है अक्सर।
इसी अस्पताल के डाक्टर ने 11 -12 जनवरी की मध्य रात्रि में उस एक प्रसव पीड़िता को अस्पताल से अन्यत्र ले जाने का आदेश दिया । जो 11 जनवरी को दिन के 10 बजे अस्पताल में दाखिल हुई थी।
जिसे भागलपुर या अन्यत्र निजी अस्पताल लेजाने के लिए इस पूस महीने की कड़ाके की ठंडी रात और हो रही बारिश के दौरान अस्पताल में मौजूद एम्बुलेन्स भी इस प्रसव पीड़िता को मांगने पर भी उपलब्ध नहीं करायी गयी।
बेबस और लाचार प्रसव पीड़िता के पति ने कड़ाके की ठंडी रात और हो रही बारिश के दौरान एक मोटरसाइकिल से नजदीक के स्थानीय डॉ0 के निजी क्लीनिक पहुंचाया।
जहां काफी मुश्किल से दाखिला तो मिला। आपरेशन से प्रसव कराने का खर्च बीस हजार बताया गया।
आपरेशन से प्रसव कराने का खर्च तो था नहीं, पति रुपये लाने घर गया तब तक उक्त प्रसव पीड़िता को क्लीनिक के वापस बाहर कर दिया गया।
उसी रात पाँच हजार रुपये जमा कराने पर उक्त महिला का आपरेशन से प्रसव कराया गया। जो उसका पहला प्रसव था, लड़का पैदा हुआ था। जो आधे पौने घंटे के बाद चल बसा।
बेचारी किस्मत की मारी नवगछिया नया टोला की बुलबुल भारती और उसका पति संजय पोद्दार तथा ससुर प्रह्लाद पोद्दार एवं सास सभी बिहार सरकार की प्रसव व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे हैं।
जिससे संबन्धित एक फेक्स से आवेदन मुख्यमंत्री को भेजा गया है। जिसकी प्रति फेक्स से ही सिविल सर्जन को भी भेजी गयी है।
इस घोर अमानवीय अत्याचार को लेकर आजाद हिन्द मोर्चा के राजेन्द्र यादव ने आंदोलन की बात काही है। जिसके तहत नुक्कड़ सभा तक करने की जाएगी।
वही भाजपा के पूर्व नवगछिया जिलाध्यक्ष सुरेश भगत ने भी कड़ी निंदा की है।
जानकारी के अनुसार इससे पहले भी नया टोला के मदन प्रसाद के साथ भी इसी अनुमंडलीय अस्पताल में इसी तरह की अवस्था पैदा की गयी थी। जब उनके परिचित एक पुलिस पदाधिकारी द्वारा हस्तक्षेप किया गया। इसके बाद उसी डाक्टर द्वारा त्वरित व्यवस्था करते हुए प्रसव कराया गया था।
इस अनुमंडलीय अस्पताल का यह आलम तब है जब यहाँ के उपाधीक्षक को कई बार चेतावनी वरीय पदाधिकारी तथा सिविल सर्जन द्वारा दी जा चुकी है।
इसके अलावा जिला बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष बिरेन्द्र प्रसाद सिंह ने भी अनुमंडलीय अस्पताल पहुंच कर यहाँ के उपाधीक्षक से अपनी कार्यशैली में सुधार लाकर नितीश सरकार को बदनामी से बचाने का अनुरोध किया था। इसके बावजूद इस अस्पताल में प्रसव पीड़िता को परेशान करने का वर्षों पुराना रवैया कायम है।
वैदेही गुरुकुल
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