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यह मानव शरीर है बुलबुले के समान - हरिनन्दन बाबा


यह मानव शरीर ठीक उसी पानी के बुलबुले के समान है जो किस समय समाप्त हो जायेगा कोई नहीं जानता। इस जनम के बाद फिर दुबारा मानव जनम मिलना कोई जरूरी नहीं है। दुबारा मानव जनम पाने के लिए एक ही रास्ता है - परमात्मा की भक्ति। जो सिर्फ सत्संग, भजन और ध्यान से ही संभव है।
उपरोक्त बातें अखिल भारतीय संतमत सत्संग के वर्तमान आचार्य स्वामी हरिनन्दन परमहंस जी महाराज ने नवगछिया बाजार समिति के मैदान में आयोजित 32 वां अनुमंडलीय सत्संग के अधिवेशन की समाप्ति के समय कही। इस मौके पर स्वामी सत्य प्रकाश बाबा, घनश्याम बाबा, मनोज बाबा, सुरेन्द्र बाबा, कन्हैया बाबा, फूल बाबा सहित कुप्पा घाट के भी कई साधु संत और अन्य जगहों से आए साधु सन्यासियों के अलावा हजारों की संख्या में सत्संग प्रेमी मौजूद थे। इस सत्संग अधिवेशन में स्थानीय विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने भी सिरकत की। काफी देर तक संतों की वाणी को सुना।
इसके साथ ही यह दो दिवसीय सत्संग अधिवेशन रविवार को समाप्त हो गया। इस दौरान श्री लाल कानोडिया, गोपी यादव, श्याम सुंदर केडिया, मोहन लाल रुंगटा, गोपाल यादव, कैलाश यादव, उमेश पटेल, त्रिपुरारी भारती आदि लोगों ने प्रमुख भूमिका निभायी। वहीं अगला 33वां अनुमंडलीय सत्संग अधिवेशन मुरली पंचायत के चन्द्र्खरा गाँव में होने की घोषणा भी की गयी।