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पटना में पहली बार नीतीश और मोदी की टक्कर


बिहार की राजधानी पटना में संडे को होने वाली हुंकार रैली राज्य की राजनीति में नए समीकरणों को दिशा दे सकती है। बीजेपी जेडीयू गठबंधन टूटने के बाद मोदी की यह पहली रैली है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी इस रैली के जरिए ही जेडीयू को न सिर्फ अपनी, बल्कि मोदी की ताकत दिखाना चाहती है ताकि वह जेडीयू को यह संकेत दे सके कि जिस मोदी की वजह से उसने गठबंधन तोड़ा, उनके बिहार में कितने चाहने वाले हैं?
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, इसी वजह से बिहार बीजेपी की पूरी यूनिट इस बात पर जोर दे रही है कि पटना के गांधी मैदान की रैली में भीड़ के पिछले सभी रेकॉर्ड टूटें। यही वजह है कि बीजेपी ने न सिर्फ पटना बल्कि पूरे बिहार में इस बार रैली का जमकर प्रचार किया है। प्रचार के लिए वे नए तरीके भी अपनाए गए हैं, जो अब तक बिहार के सूदूर इलाकों में नहीं अपनाए गए थे। इनमें गांवों तक होर्डिंग लगाना शामिल है।
बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया कन्वीनर श्रीकांत शर्मा के मुताबिक, पटना की रैली में लाखों की तादाद में लोग हिस्सा लेंगे और बिहार के दूरदराज के इलाकों से लोगों ने शनिवार को ही पहुंचना भी शुरू कर दिया है।


बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, चूंकि नीतीश कुमार और जेडीयू ने मोदी के पीएम प्रोजेक्ट करने के संकेत मिलने के बाद ही गठबंधन तोड़ा है, इसलिए बीजेपी जेडीयू को यह अहसास जताना चाहती है कि इससे उसका नहीं जेडीयू का ही नुकसान हुआ है। यह भी माना जा रहा है कि खुद मोदी भी इस रैली में नीतीश कुमार पर हमला कर सकते हैं। इसकी वजह यह है कि खुद मोदी को इस बात की टीस है कि उनके नाम पर गठबंधन तोड़कर जेडीयू ने एक तरह से उन्हें ह्यूमिलेट करने की कोशिश की थी।