दिल्ली स्थित बिहार भवन के एक कमरे में मिले ढाई लाख रुपये किसके हैं, यह रहस्य बनकर रह गया है। रुपये का कोई दावेदार नहीं मिल रहा और न ही किसी ने अब तक यह शिकायत दर्ज करायी है कि उनका ढाई लाख भूल से बिहार भवन के उस कमरे में छूट गया था जहां वह टिके थे। रुपया फिलहाल बिहार भवन के स्थानिक आयुक्त के दफ्तर में जमा करा दिया गया है।
इस बाबत मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में बिहार कैडर के एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जो अभी तुरंत केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए हैं, बिहार भवन के एक कमरे में परिवार के साथ ठहरे थे। जब वह कमरा खाली कर लौट रहे थे तो अचानक कमरे की देखरेख करने वाला कर्मी उनके पास पहुंचा और अखबार में लपेटे ढाई लाख रुपये उन्हें यह कहकर देने लगा कि आपका पैसा छूट गया है। कमरा साफ करने के क्रम में यह मिला है। उस अधिकारी ने कहा कि पैसा उनका नहीं है। उन्होंने कमरे में रहने के दौरान यह नोटिस भी नहीं ली कि आलमीरे के ऊपर अखबार में लपेटकर क्या रखा हुआ है? बिहार भवन में यह हल्ला हो गया कि कमरे से ढाई लाख रुपये मिला है। हल्ला यह भी हुआ कि ढाई लाख नहीं बीस लाख रुपये लावारिस मिले हैं। वैसे यह ढाई लाख रुपये ही हैं। कोई दावेदार नहीं मिलने के बाद उस राशि को बिहार भवन में जमा करा दिया गया है।
बिहार भवन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त अफसर के पहले राज्य सरकार के एक मंत्री भी उस कमरे में ठहरे थे। मंत्री के पूर्व एक चिकित्सक को वह कमरा आवंटित किया गया था।