यह एक सवाल है जो इस समय हर बिहारी ही नहीं देश के हर नागरिक के मन में पैदा हो रहा है |
क्या ऐसे व्यक्ति को मंत्री बने रहने का है अधिकार | जो देश की सीमा पर सैनिकों के शहीद होने पर कहते हैं कि --- सेना-पुलिस में लोग जाते ही हैं शहीद होने के लिए। वे शहीद नहीं होंगे तो
क्या आप शहीद होंगे?
ये कथन हैं बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री तथा जदयू के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. भीम सिंह के |
वे एक टीवी चैनल से मुखातिब थे। उनसे यह
पूछे जाने पर कि अंतिम संस्कार में न सही, आप एयरपोर्ट भी नहीं गए |
तो मंत्री
ने उल्टा पूछा-आप एयरपोर्ट गए थे? पत्रकार ने कहा-हां, मैं वहां गया था।
मंत्री बोले-आप वहां ड्यूटी करने गए थे, फर्ज निभाने नहीं। आपको इसका वेतन
मिलता है।
मंत्री ने यह भी पूछा-‘आपके पिताजी एयरपोर्ट गए थे? वह भी तो
नागरिक हैं।
आपकी माता जी वहां गईं थीं?
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने भी अप्रसन्नता जाहिर की है। साथ ही माफी
मांगने, खेद प्रकट करने का निर्देश भी दिया।
इसके बाद मंत्री जी का बयान यूं आया कि ---
मेरे बयान से लोगों की
भावना को ठेंस पहुंची है। मैं इसके लिए खेद प्रकट करता हूं।
एक बार
नहीं, सौ बार खेद प्रकट करता हूं।
क्या करूं, गलती हो जाती है। इसलिए तो
माफी मांग रहा हूं।
पुरानी बातों को दोहराने से कोई फायदा नहीं है। मैं खेद
प्रकट कर रहा हूं। .. देखिए मैं फिर माफी मांग रहा हूं।
वैदेही गुरुकुल
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