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सुशील का सनसनीखेज खुलासा, कहा कुश्ती में भी फिक्सिंग


दो बार के ओलिंपिक पदक विजेता और पूर्व वर्ल्ड चैंपियन सुशील कुमार ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि वर्ष 2010 में मास्को में वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताबी मुकाबला हारने के लिए उन्हें करोड़ों रुपयों की पेशकश की गई थी।
क्रिकेट में फिक्सिंग के बाद कुश्ती में भी फिक्सिंग का ऐसा चौंकाने वाला कोई मामला पहली बार सामने आया है। लंदन ओलिंपिक के रजत पदक विजेता सुशील ने कहा कि मास्को में जब मैं अपनी फाइनल बाउट के लिए तैयारी कर रहा था, तो मेरी टीम का एक सदस्य मेरे पास आया और कहा कि कुछ लोग फाइनल मुकाबले के बारे में बात करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जब मुझे मेरे साथी सदस्य ने पूरी बात समझाई तो मैं काफी गुस्से में था। वे लोग मुझे कुछ करोड़ रुपए देने के लिए तैयार थे। एक पहलवान के लिए करोड़ों रुपए काफी मायने रखते हैं। हमारी टीम के एक विदेशी कोच से इस प्रस्ताव के बारे में बात की गई थी।
देश के सर्वोच्च पहलवानों में से एक सुशील ने कहा कि क्योंकि यह स्पर्धा रूस में आयोजित हो रही थी, तो शायद वे चाहते थे कि इसमें कोई रूसी पहलवान ही जीते। मेरा फाइनल मुकाबला भी रूसी खिलाड़ी एलेन गोगोएव के खिलाफ ही था। सुशील ने इस प्रस्ताव पर हैरानी जताते हुए कहा कि मुझे इस बात पर काफी हैरानी हो रही थी। मैंने उनसे भी कहा यह काफी अजीब बात है, लेकिन इसके बाद मैंने इन बातों को भुलाकर अपनी फाइनल बाउट पर ध्यान दिया।
देश को गौरवान्वित करने वाले सुशील ने करोड़ों के इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए गोगोएव को फाइनल मुकाबले में 3-1 से ध्वस्त किया और भारत के लिए वर्ल्ड चैंपियनशिप का एकमात्र स्वर्ण पदक जीत सच्ची निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाया।
उन्होंने कहा कि यहां बात दो या चार करोड़ रुपयों की नहीं थी। यह तो हमारे भी सम्मान की बात थी। देश के सम्मान की बात थी। इसके बाद जब मैं जीतकर मैट से उतरा तो वहां बैठे दर्शकों ने मेरा जिस तरह स्वागत किया वह मेरे लिए खास था। वहां पर सभी ने खड़े होकर मेरे लिए तालियां बजाईं।
सुशील ने बताया कि फाइनल बाउट जीतने पर उन्हें जो सम्मान मिला वह आज भी उन्हें याद है। उनकी जीत पर तालियां बजाने वालों में उस समय पहलवान जबरेल हसानोव भी शामिल थे, जिन्हें सुशील ने सेमीफाइनल में 4-3 से पछाड़ा था। भारतीय पहलवान ने कहा कि मैंने चार से पांच बार विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया है, लेकिन मास्को में मुझे जो प्यार और सम्मान मिला वह आज भी मुझे याद है। जिस देश में कुश्ती काफी लोकप्रिय खेल हो वहां उसी के पहलवान को हराना मेरे लिए भी आसान नहीं था।
सुशील ने कहा कि अब उनका अगला लक्ष्य 16 से 22 सितंबर तक बुडापेस्ट में चलने वाली विश्व चैंपियनशिप है। उन्होंने अपनी तैयारियों के बारे में बताते हुए कहा कि मेरा अधिकतर समय सोनीपत के भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के सेंटर और दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में बीतता है। मैं आगामी स्पर्धा के लिए तैयारियों में जुटा हूं।