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नवगछिया के मंदिरों में शुरू हुआ भगवान को झुलाने का उत्सव = झुलनोत्सव

  • नवगछिया नगर के बड़ी घाट ठाकुरबाड़ी, गरीब दास ठाकुरबाड़ी, हरि महाराज ठाकुरबाड़ी सहित विभिन्न मंदिरों में आज शनिवार 17 अगस्त से शुरू हो गया भगवान श्री कृष्ण को झुलाने का उत्सव झुलनोत्सव |
  • यह झूलन महोत्सव सावन महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी से शुरू हो जाता है | जो लगातार चलता है सावन की पूर्णिमा तक | 
  • इस दौरान मंदिरों की खास सजावट के साथ साथ भगवान के झूले के दर्शन के लिए दर्जनों गांवों से नवगछिया नगर में उमड़ पड़ता है लोगों का जन शैलाव | 
  • नवगछिया नगर में उमड़ने वाले जन शैलाव को नियंत्रित रखने में नवगछिया पुलिस और प्रशासन की रहती है अहम भूमिका | 
  • इस मौके पर हर चौक और चौराहे  तथा रास्तों में तैनात रहते हैं पुलिस बल के साथ पुलिस पदाधिकारी और दंडाधिकारी |
  • हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नवगछिया नगर के विभिन्न ठाकुरबाड़ियों और मंदिरों में कई दिनों पहले से ही शुरू हो चुकी है साफ सफाई |
  • बताते चलें कि अति प्राचीन काल से ही झूले के लिए प्रसिद्ध रहा है सावन का महिना | इस महीने झूले में झूलने का कुछ खास ही आनंद मिलता है | जिसका आनंद हर गाँव और घरों में महिलाओं द्वारा उठाया जाता रहा है | 
  • झूले का सीधा संबंध भगवान श्री कृष्ण की रासलीला से लगाया जाता है | इसीलिए इस महीने के अंतिम पाँच दिनों तक हर मंदिरों और ठाकुरबाड़ियों के अलावा लोग अपने अपने घरों में भी भगवान श्री कृष्ण और राधिका प्यारी को झूला झुलाते आ रहे हैं |
  • लोगों का ऐसा मानना है कि सावन के मौके पर ही स्वयं भगवान श्री कृष्ण अपनी राधिका के साथ झूला झूलने का आनंद उठाने को पृथ्वी लोक पर आते हैं | जहां पाँच दिनों तक वे रास लीला करते हैं | जिनके दर्शन का यह सुनहरा मौका है | जिनके दर्शन मात्र से ही मानव जीवन सफल हो जाता है |