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मंगलवार से हजारों रोजेदार दुनिया से नाता तोड़ लेंगे

माह-ए-रमजान के दौरान मंगलवार से दस दिन के लिए नवगछिया सहित पूरे भागलपुर जिला के
हजारों रोजेदार मुल्क के अमन-ओ-अमान के लिए घर परिवार छोड़कर मस्जिदों में इबादत करने में जुट जाएंगे।
रमजान-उल-मुबारक का आखिरी अशरा (21 रमजान से ईद का चांद निकलने तक) बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस अशरा में हजारों लोग अपने मुल्क, शहर, क्षेत्र व घर परिवार की हिफाजत, अमन-ओ-अमान के लिए दुनिया की चकाचौंध जिंदगी से नाता तोड़ लेंगे, इस विशेष इबादत को एतकाफ कहते हैं। ऐसे लोगों को दुनिया से कुछ लेना देना नहीं होता। यहां तक कि ऐसे लोग अखबार भी नहीं पढ़ते।
ऐसे इबादत करने वाले लोग मस्जिद से बाहर नहीं निकलते। यहां तक कि प्रसाधन के लिए भी नहीं निकल सकते। मस्जिद में एक कोने में पर्दा डालकर सिर्फ इबादत करते हैं। मस्जिद में ही सहरी, इफ्तार करते। इस विशेष इबादत में हर बला हर मुसीबत से महफूज रहने के लिए अल्लाह से विशेष दुआ की जाती है। ऐसे इबादत करने वाले घर परिवार के किसी शख्स से भी नहीं मिलते। इक्कीस रमजान से चलने वाली ये इबादत ईद का चांद जब निकल आता है तो इबादत करने वाले मस्जिद के बाहर आ जाते हैं।

गद्दियाना ईदगाह के इमाम मौलाना हाशिम अशरफी के अनुसार इन हालात में निकल सकते हैं -
- जिस मस्जिद में एतकाफ किया जा रहा है और वहां जुमा की नमाज नहीं होती है तो एतकाफ करने वाला जुमा की नमाज पढ़ने के लिए दूसरी मस्जिद में जा सकता है।
- यदि घर में किसी का इंतकाल हो गया है और उसके घर जाए बगैर कोई काम नहीं हो सकता तो ऐसी सूरत में कुछ देर के लिए जा सकता है।