लड़कियों की शिक्षा का समर्थन करने के लिए तालिबानियों के हमले का शिकार
हुई पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई ने संयुक्त राष्ट्र में भाषण देते हुए कहा
है कि वह महात्मा गांधी के अहिंसा के मार्ग से
प्रेरित है. गौरतलब है कि तालिबानी आतंकवादियों ने मलाला के सिर में गोली मार दी थी, जिसके उसका लंबे समय तक लंदन में इलाज चला था.
मल्ल ने कहा, मैं किसी से घृणा नहीं करती, मैं किसी से बदला लेने के लिए यहां पर नहीं बोल रही हूं और न ही मैं किसी के खिलाफ हूं. बल्कि मैं आतंकवादियों, अतिवादियों और तालिबान सभी की बेटियों के लिए शिक्षा की मांग करती हूं. गौरतलब है कि लड़कियों की शिक्षा का समर्थन करने के कारण ही मलाला को तालिबानियों ने सिर में गोली मार दी थी जिसके बाद लंदन के अस्पंताल में लंबे समय तक उसका इलाज हुआ है.
मलाला ने कहा है कि मैं तालिबानियों से घृणा नहीं करती, अगर आप मेरे हाथ में बंदूक दे दें, और जिन्होंने मुझे गोली मारी, मेरे सामने भी हों तब भी मैं उन्हें गोली नहीं मारूंगी. क्योंकि मैं चाहती हूं कि दुनिया भर की लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिले.
मलाला ने अहिंसा पर जोर देने वाले गांधी जी और दुनिया के अन्य प्रमुख नेताओं को याद करते हुए कहा कि मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं और न ही मैं तालिबान या किसी अन्य आतंकवादी गुट के खिलाफ निजी बदला लेने के लिए यहां पर बोल रही हूं. मलाला ने संयुक्त राष्ट्र के युवा सभा में शुक्रवार को कहा कि मैं यहां प्रत्येक बच्चे के लिए शिक्षा के अधिकार पर बोलने आई हूं.
उन्होंने कहा कि मैं तालिबान और अन्य आतंकवादियों तथा अतिवादियों के सभी बेटों और बेटियों के लिए शिक्षा चाहती हूं. मैं यहां तक कि तालिबान से घृणा भी नहीं करती हूं, जिन्होंने मुझे गोली मारी थी. यदि मेरे हाथ में बंदूक हो और वे मेरे सामने हो तो भी मैं उन्हें गोली नहीं मारूंगी.
प्रेरित है. गौरतलब है कि तालिबानी आतंकवादियों ने मलाला के सिर में गोली मार दी थी, जिसके उसका लंबे समय तक लंदन में इलाज चला था.
मल्ल ने कहा, मैं किसी से घृणा नहीं करती, मैं किसी से बदला लेने के लिए यहां पर नहीं बोल रही हूं और न ही मैं किसी के खिलाफ हूं. बल्कि मैं आतंकवादियों, अतिवादियों और तालिबान सभी की बेटियों के लिए शिक्षा की मांग करती हूं. गौरतलब है कि लड़कियों की शिक्षा का समर्थन करने के कारण ही मलाला को तालिबानियों ने सिर में गोली मार दी थी जिसके बाद लंदन के अस्पंताल में लंबे समय तक उसका इलाज हुआ है.
मलाला ने कहा है कि मैं तालिबानियों से घृणा नहीं करती, अगर आप मेरे हाथ में बंदूक दे दें, और जिन्होंने मुझे गोली मारी, मेरे सामने भी हों तब भी मैं उन्हें गोली नहीं मारूंगी. क्योंकि मैं चाहती हूं कि दुनिया भर की लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिले.
मलाला ने अहिंसा पर जोर देने वाले गांधी जी और दुनिया के अन्य प्रमुख नेताओं को याद करते हुए कहा कि मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं और न ही मैं तालिबान या किसी अन्य आतंकवादी गुट के खिलाफ निजी बदला लेने के लिए यहां पर बोल रही हूं. मलाला ने संयुक्त राष्ट्र के युवा सभा में शुक्रवार को कहा कि मैं यहां प्रत्येक बच्चे के लिए शिक्षा के अधिकार पर बोलने आई हूं.
उन्होंने कहा कि मैं तालिबान और अन्य आतंकवादियों तथा अतिवादियों के सभी बेटों और बेटियों के लिए शिक्षा चाहती हूं. मैं यहां तक कि तालिबान से घृणा भी नहीं करती हूं, जिन्होंने मुझे गोली मारी थी. यदि मेरे हाथ में बंदूक हो और वे मेरे सामने हो तो भी मैं उन्हें गोली नहीं मारूंगी.