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महाबोधि धमाके के तार म्यांमार हिंसा से जुड़े हैं

बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में रविवार तड़के हुए सीरियल ब्लास्ट की घटना के तार म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हिंसा से जुड़ते दिख रहे हैं। गृह मंत्रालय का मानना है कि
इस हिंसा का बदला लेने के लिए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) ने इन धमाकों को अंजाम दिया। इसके लिए खतरनाक आतंकी संगठन अलकायदा ने अपने सहयोगी आतंकी संगठन जमात अल तवाहिद वल जिहाद के जरिए आईएम की मदद की।

बौद्ध मंदिरों और तिब्बत से जुड़े इलाकों में आतंकी कार्रवाई की खुफिया सूचना के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने इस घटना के बाद सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर ऐसी जगहों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है। महाबोधि मंदिर पर हमले की आशंका पहले से थी। इस संबंध में गृह मंत्रालय के साथ-साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), आईबी के साथ-साथ दिल्ली पुलिस ने भी बिहार सरकार को अलर्ट भेजा था। इसके बावजूद घटी आतंकी घटना से नाराज गृह मंत्रालय ने बिहार सरकार से जवाब तलब किया है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि महाबोधि मंदिर में सुबह की पूजा अर्चना काफी महत्वपूर्ण होती है। खासतौर पर रविवार को इसी समय विशेष तरह की परिक्रमा होती है। इस दौरान विदेशों से आने वाले बौद्ध भिक्षु खासतौर पर परिक्रमा में हिस्सा लेते हैं, इसलिए धमाके का समय बहुत सोच समझ कर सुबह का ही तय किया गया।
हालांकि बम रखने वाले सही जगह की पहचान नहीं कर पाए और सभी बम कम मारक क्षमता वाले थे, इसलिए नौ धमाकों के बावजूद महज कुछ ही लोग घायल हुए।
उल्लेखनीय है कि बीते कुछ सालों से बिहार के दो जिले दरभंगा और मधुबनी आईएम का गढ़ बनते जा रहे हैं। इन्हीं दो जिलों से कई आतंकी घटनाओं से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियों के बाद इस बात का खुलासा हुआ था। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस धमाके के बाद जांच एवं खुफिया एजेंसियों की खास निगाह इन दो जिलों पर है।