उत्तर प्रदेश के जीयनपुर बाजार ( आजमगढ़) में शुक्रवार को पूर्वाह्न पूर्व विधायक
एवं बसपा नेता सर्वेश सिंह सीपू (35) समेत दो लोगों की बदमाशों ने गोली
मारकर हत्या कर दी। इसके बाद हुए उपद्रव के दौरान
पुलिस फायरिंग में एक गल्ला व्यापारी की मौत हो गई और एक घायल व्यक्ति ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। छह घंटे तक चले उपद्रव में भीड़ ने पुलिस के दो वाहन व आठ बाइक फूंक दीं। घटना में एसपी, डीएसपी समेत दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घटना को लेकर देर शाम कोतवाल विजय सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
सपा की टिकट पर एक बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके सर्वेश सिंह सीपू जीयनपुर बाजार में रहते थे। उनसे मिलने के लिए मऊ कुतुबपुर गांव निवासी भरत राय आए थे। उसी दौरान वहां पहुंचे दो युवकों ने असलहा निकालकर पूर्व विधायक व भरत राय पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद दोनों बदमाश फरार हो गए। भागते समय उन्होंने एक युवक पर भी फायर किए। घटना की खबर फैलते ही कस्बे के लोग आक्रोशित हो उठे। एकत्रित होकर थाने को घेर लिया और वहां पर पहले नारेबाजी हुई, उसके बाद पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने जब बल प्रयोग करके स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की तो हालात और बिगड़ गए। इसके बाद पुलिस ने फायरिंग कर दी जिससे भीड़ में शामिल गल्ला व्यापारी जीतेंद्र (18) की मौत हो गई और कई अन्य जख्मी हो गए।
भीड़ के तेवर देख कोई पुलिसकर्मी थाने से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सका और अधिकारी भी मौके पर नहीं पहुंच सके। काफी देर बाद जैसे-तैसे आइजी जोन जीएल मीणा रास्ता बदलकर थाने पहुंचे। इस दौरान करीब छह घंटे तक पुलिस और गुस्साए लोगों के बीच टकराव चला। कभी पुलिस लाठीचार्ज करके उपद्रवियों को भगा देती तो कभी भीड़ पुलिसकर्मियों को खदेड़ देती। इसी में एसपी समेत दर्जन भर पुलिसकर्मी घायल हो गए और भीड़ में शामिल तमाम लोगों को चोट आईं। पथराव व गोलीबारी में घायल छह पुलिसकर्मियों समेत 19 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक घायल चंद्रकांत चौबे (50) की मौत हो गई है। घटना को लेकर अब भी इलाके में तनाव बना हुआ है। शासन ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी है। प्रारंभिक जांच में इलाके के बदमाश कुंटू सिंह का नाम आया है, जो इस समय जेल में बंद है। पुलिस फायरिंग की घटना की मजिस्टीरियल जांच के आदेश दिए गए हैं।
कोतवाल गिरफ्तार, बाकी फरार
आखिरकार पुलिस को पब्लिक के आगे झुकना पड़ा। पूर्व विधायक सीपू के बड़े भाई व चचेरे भतीजे की तहरीर पर कोतवाल विजय सिंह व कई अन्य सिपाहियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कोतवाल को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि बाकी फरार बताए गए हैं। कोतवाल की गिरफ्तारी की घोषणा खुद एसपी अरविंद सेन ने पत्रकारों को दी।
चूंकि पूर्व विधायक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजना था इसलिए पुलिस उसी प्रयास में सुबह से शाम तक लगी रही। फिर भी उसकी हिम्मत नहीं पड़ी कि कोतवाली से निकलकर पूर्व विधायक के दरवाजे तक पहुंच सके। शाम को डीएम ने हिम्मत जुटाई और सीपू के घर पहुंचीं। वहां लोग इस बात पर अड़ गए कि कोतवाल, अन्य दोषी सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। मौके पर मौजूद आइजी, डीआइजी व एसपी ने जनता की मांग के अनुरूप कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन उनका दो टूक कहना था कि मुकदमा दर्ज कर कोतवाल को गिरफ्तार किया जाए। सीपू के बड़े भाई संतोष सिंह ने अपनी तहरीर में कहा कि पूर्व विधायक को कोतवाल ने बुलाकर कहा था कि कुंटू सिंह से समझौता कर लें वरना अंजाम बुरा होगा। कोतवाली से निकलने के बाद ही यह घटना हो गई।
पुलिस फायरिंग में एक गल्ला व्यापारी की मौत हो गई और एक घायल व्यक्ति ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। छह घंटे तक चले उपद्रव में भीड़ ने पुलिस के दो वाहन व आठ बाइक फूंक दीं। घटना में एसपी, डीएसपी समेत दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घटना को लेकर देर शाम कोतवाल विजय सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
सपा की टिकट पर एक बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके सर्वेश सिंह सीपू जीयनपुर बाजार में रहते थे। उनसे मिलने के लिए मऊ कुतुबपुर गांव निवासी भरत राय आए थे। उसी दौरान वहां पहुंचे दो युवकों ने असलहा निकालकर पूर्व विधायक व भरत राय पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद दोनों बदमाश फरार हो गए। भागते समय उन्होंने एक युवक पर भी फायर किए। घटना की खबर फैलते ही कस्बे के लोग आक्रोशित हो उठे। एकत्रित होकर थाने को घेर लिया और वहां पर पहले नारेबाजी हुई, उसके बाद पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने जब बल प्रयोग करके स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की तो हालात और बिगड़ गए। इसके बाद पुलिस ने फायरिंग कर दी जिससे भीड़ में शामिल गल्ला व्यापारी जीतेंद्र (18) की मौत हो गई और कई अन्य जख्मी हो गए।
भीड़ के तेवर देख कोई पुलिसकर्मी थाने से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सका और अधिकारी भी मौके पर नहीं पहुंच सके। काफी देर बाद जैसे-तैसे आइजी जोन जीएल मीणा रास्ता बदलकर थाने पहुंचे। इस दौरान करीब छह घंटे तक पुलिस और गुस्साए लोगों के बीच टकराव चला। कभी पुलिस लाठीचार्ज करके उपद्रवियों को भगा देती तो कभी भीड़ पुलिसकर्मियों को खदेड़ देती। इसी में एसपी समेत दर्जन भर पुलिसकर्मी घायल हो गए और भीड़ में शामिल तमाम लोगों को चोट आईं। पथराव व गोलीबारी में घायल छह पुलिसकर्मियों समेत 19 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक घायल चंद्रकांत चौबे (50) की मौत हो गई है। घटना को लेकर अब भी इलाके में तनाव बना हुआ है। शासन ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी है। प्रारंभिक जांच में इलाके के बदमाश कुंटू सिंह का नाम आया है, जो इस समय जेल में बंद है। पुलिस फायरिंग की घटना की मजिस्टीरियल जांच के आदेश दिए गए हैं।
कोतवाल गिरफ्तार, बाकी फरार
आखिरकार पुलिस को पब्लिक के आगे झुकना पड़ा। पूर्व विधायक सीपू के बड़े भाई व चचेरे भतीजे की तहरीर पर कोतवाल विजय सिंह व कई अन्य सिपाहियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कोतवाल को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि बाकी फरार बताए गए हैं। कोतवाल की गिरफ्तारी की घोषणा खुद एसपी अरविंद सेन ने पत्रकारों को दी।
चूंकि पूर्व विधायक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजना था इसलिए पुलिस उसी प्रयास में सुबह से शाम तक लगी रही। फिर भी उसकी हिम्मत नहीं पड़ी कि कोतवाली से निकलकर पूर्व विधायक के दरवाजे तक पहुंच सके। शाम को डीएम ने हिम्मत जुटाई और सीपू के घर पहुंचीं। वहां लोग इस बात पर अड़ गए कि कोतवाल, अन्य दोषी सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। मौके पर मौजूद आइजी, डीआइजी व एसपी ने जनता की मांग के अनुरूप कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन उनका दो टूक कहना था कि मुकदमा दर्ज कर कोतवाल को गिरफ्तार किया जाए। सीपू के बड़े भाई संतोष सिंह ने अपनी तहरीर में कहा कि पूर्व विधायक को कोतवाल ने बुलाकर कहा था कि कुंटू सिंह से समझौता कर लें वरना अंजाम बुरा होगा। कोतवाली से निकलने के बाद ही यह घटना हो गई।