उत्तराखंड
में शुक्रवार को मौसम सुधरने के साथ ही बचाव कार्य तेज कर दिया गया।
बद्रीनाथ और हर्सिल से करीब 1200 लोगों को निकाला गया। सेना के मुताबिक
हर्सिल से सभी तीर्थयात्रियों को निकाल लिया गया है। लेकिन बद्रीनाथ में
1400 लोग अब भी फंसे हुए हैं। उत्तरकाशी में मंदाकिनी नदी में पानी तेजी से
बढ़ रहा है। उधर, दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में शहीद सुरक्षा बलों के 20
जांबाजों को देहरादून में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। गृहमंत्री सुशील कुमार
शिंदे ने कहा कि वायुसेना के हेलिकॉप्टर 15 दिन और राज्य में रहेंगे।
प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर गए सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने
कहा कि आखिरी व्यक्ति को बचाने तक सेना काम पर डटी रहेगी। जनरल सिंह ने कहा
कि ‘मैंने अपने कमांडरों से प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से किसी आग्रह का
इंतजार किए बगैर सक्रिय रहने को कहा है।’ उन्होंने बताया कि खबर मिल रही है
कि कुछ इलाकों में थोड़े-बहुत जिंदा लोग हो सकते हैं। सेना अभियान जारी
रखे हुए है।
एयरफोर्स ने कुछ और हेलिकॉप्टर बचाव अभियान में लगाए हैं। इस बीच
सरकार ने माना है कि करीब तीन हजार से अधिक लोग लापता हैं। उधर, महामारी
फैलने का खतरा बना हुआ है। केदारनाथ में लगातार तीसरे दिन भी शवों के
सामूहिक अंतिम संस्कार किए गए।
पवन हंस हेलिकॉप्टर की आपात लैंडिंग
बचाव कार्य के दौरान एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो चले थे। दरअसल पवन
हंस हेलिकॉप्टर की हर्सिल में आपात लैंडिंग करानी पड़ी। हालांकि इसमें
हेलिकॉप्टर को थोड़ा नुकसान पहुंचा। बाकी किसी को कोई हानि नहीं हुई।
किसी को पैदल चलने पर मजबूर न करें : कोर्ट
उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि शनिवार तक बचाव
कार्य पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि सरकार ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा
है कि इसके लिए मौसम का ठीक रहना बेहद जरूरी है। इस बीच कोर्ट ने सरकार से
कहा है कि प्रशासन के लोग बाढ़ पीड़ितों को पैदल चलने पर मजबूर न करे। ऐसे
लोगों को एयर लिफ्ट ही किया जाए। अगली सुनवाई बुधवार को होगी।