खगड़िया समाहरणालय स्थित सभा कक्षा में सोमवार की दोपहर शोर-शराबा
हुआ। सैकड़ों की संख्या में परिसर में मौजूद लोग दौड़कर ऊपर पहुंच गए। कुछ
लोगों ने पदाधिकारी को मार खाते भी देखा। मगर,
जिनकी पिटाई हुई वे मार खाने से इन्कार कर रहे हैं। जिस पदाधिकारी से पूछिए वहीं बोला, दूसरे से पूछिए। डीएम सैयद परवेज आलम स्वयं ही कहते रहे, क्या हुआ। ऐसा कुछ तो नहीं हुआ।
जिला परिषद द्वारा सोमवार को शिक्षक नियोजन पत्र का वितरण किया जाना था। जिप अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव दोपहर साढ़े बारह बजे अपने कार्यालय पहुंची। चार दर्जन से अधिक अभ्यर्थी नियोजन पत्र लेने पहुंच चुके थे। अध्यक्ष ने जब संचिका खोजी तो पता चला, डीएम के आदेश पर कर्मी सुरेंद्र कुमार फाइल लेकर समाहरणालय गया है। अध्यक्ष ने डिस्पैच रजिस्टर मांगा तो उस पर संचिका ले जाने का उल्लेख नहीं था। इस पर मामला गर्म होने गया। जिप अध्यक्ष की बड़ी बहन विधायक पूनम देवी यादव व उनके पति रणवीर यादव भी जिप कार्यालय पहुंच गए। वहां से तीनों पहुंच गए समाहरणालय। उस समय डीएम के सभा कक्ष में वरीय उप समाहर्ता आनंद प्रकाश, डीईओ श्याम बाबू राम, पंचायती राज पदाधिकारी सियाराम सिंह समेत अन्य पदाधिकारी बैठक कर रहे थे। तीनों के वहां पहुंचते ही नियोजन पत्र की संचिका मंगाने को लेकर बहस छिड़ गई। पूर्व विधायक रणवीर का कहना था, जिला परिषद ऑटोनॉमस बाडी है। डीएम फाइल मंगाने वाले कौन होते हैं।
जिनकी पिटाई हुई वे मार खाने से इन्कार कर रहे हैं। जिस पदाधिकारी से पूछिए वहीं बोला, दूसरे से पूछिए। डीएम सैयद परवेज आलम स्वयं ही कहते रहे, क्या हुआ। ऐसा कुछ तो नहीं हुआ।
जिला परिषद द्वारा सोमवार को शिक्षक नियोजन पत्र का वितरण किया जाना था। जिप अध्यक्ष कृष्णा कुमारी यादव दोपहर साढ़े बारह बजे अपने कार्यालय पहुंची। चार दर्जन से अधिक अभ्यर्थी नियोजन पत्र लेने पहुंच चुके थे। अध्यक्ष ने जब संचिका खोजी तो पता चला, डीएम के आदेश पर कर्मी सुरेंद्र कुमार फाइल लेकर समाहरणालय गया है। अध्यक्ष ने डिस्पैच रजिस्टर मांगा तो उस पर संचिका ले जाने का उल्लेख नहीं था। इस पर मामला गर्म होने गया। जिप अध्यक्ष की बड़ी बहन विधायक पूनम देवी यादव व उनके पति रणवीर यादव भी जिप कार्यालय पहुंच गए। वहां से तीनों पहुंच गए समाहरणालय। उस समय डीएम के सभा कक्ष में वरीय उप समाहर्ता आनंद प्रकाश, डीईओ श्याम बाबू राम, पंचायती राज पदाधिकारी सियाराम सिंह समेत अन्य पदाधिकारी बैठक कर रहे थे। तीनों के वहां पहुंचते ही नियोजन पत्र की संचिका मंगाने को लेकर बहस छिड़ गई। पूर्व विधायक रणवीर का कहना था, जिला परिषद ऑटोनॉमस बाडी है। डीएम फाइल मंगाने वाले कौन होते हैं।