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संविदा पर नियोजन पर लगी रोक हटी

बिहार  सरकार ने संविदा पर नियुक्ति पर रोक को एक साल के लिए हटा लिया है। विभागों को टास्क सौंपा गया है कि वे एक साल के भीतर अपने रिक्त पदों को भर लें। मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इसे स्वीकृति दे दी गई।
कैबिनेट ने सरकारी सेवकों और पेंशनधारियों को पहली जनवरी 2013 के प्रभाव से 8 फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ता (डीए) की भी स्वीकृति दी है। अप्रैल 07 से 23 सितंबर 09 के बीच अवकाश ग्रहण करने वालों के लिए ग्रैच्युटी की सीमा भी बढ़ाकर 10 लाख कर दी गई है।
बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि सरकार ने संविदा पर नियोजन पर से रोक को एक साल के लिए हटा लिया है। संविदा पर नियोजन के संबंध में नई नियमावली के निर्माण के हवाले से 20 दिसंबर 2012 से संविदा पर नियोजन पर सरकार ने रोक लगा दी थी। विभागों को निर्देश दिया जाएगा कि वे अपने अधीन के पदों पर नियमित नियुक्ति के लिए संबंधित आयोग को जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजकर एक साल के भीतर रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई करें। इसमें वर्तमान में संविदा पर कार्यरत या पूर्व में काम कर चुके लोगों को प्राथमिकता देने और अधिकतम उम्र सीमा में छूट देने के लिए नियमावली में संशोधन किया जा सकता है। नियमित नियुक्ति में लगने वाले समय को देखते हुए एक साल तक के लिए संविदा पर नियुक्ति पर लगी रोक को हटाया गया है। इसके अतिरिक्त विभागों से कहा जा रहा है केंद्र प्रायोजित, वाह्य वित्त संपोषित योजनाओं, किसी आयोग, निकाय, निगम या सोसाइटी में नियुक्ति नियमावली या अधिनियम में संविदा पर नियोजन का प्रावधान है तो उसे जारी रखना है।
कैबिनेट सचिव ने बताया कि सरकारी सेवकों और पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वालों को पहली जनवरी 2013 के प्रभाव से 72 फीसद के बदले 80 फीसद की दर से डीए की गणना करते हुए वेतन-पेंशन का भुगतान किया जाएगा। अपुनरीक्षित वेतन में काम करने वालों या पेंशन पाने वालों को पहली जनवरी 2013 से 151 फीसद के बदले 166 फीसद की दर से डीए का भुगतान किया जाएगा। राज्य सरकार के खजाने पर इससे सालाना करीब 1090 करोड़ का खर्च आएगा। एक अन्य निर्णय में 1 अप्रैल 07 से 23 सितंबर 09 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी सेवकों की ग्रैच्युटी की गणना पुनरीक्षि तवेतन के आलोक में होगी और इसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये तक होगी। पहले इन्हें वेतन तो पुनरीक्षित मिल रहा था मगर ग्रैच्युटी की अधिकतम सीमा 3 लाख रुपये तक थी।
बिहार समूह 'घ' भर्ती एवं सेवाशर्त नियमावली में भी संशोधन किया गया है। बिहार भवन-निवास नई दिल्ली में भर्ती के लिए स्थानिक आयुक्त की अध्यक्षता में चयन समिति होगी। वहां उसी पैनल से नियुक्ति होगी।