देशभर में 36 अधिकारियों का होना था तबादला पर सीबीआइ फाइल ले गई
रेल घूस कांड ने मंत्री पवन बंसल की कुर्सी ही नहीं ली बल्कि कई अधिकारियों की मलाईदार कुर्सी पर बैठने की राह में भी कांटे बिछा दिए। सीबीआइ जांच का ग्रहण उन 36 अधिकारियों की पोस्टिंग पर भी लग गया है, जिन्हें
पहली नियुक्ति मिलनी थी। इसमें 18 अधिकारियों को पहली बार मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) बनना था, जबकि कार्यरत मंडल मुखियों के तबादले होने थे। नियुक्ति संबंधी यह अहम फाइल भी सीबीआइ जांच के लिए अपने साथ ले गई है।
सूत्रों के मुताबिक, देशभर के 16 जोन में 18 डीआरएम का दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। गत 12 मार्च को इन अधिकारियों की सूची रेल मंत्रलय में तैयार की गई थी ताकि अप्रैल या मई में इनकी पोस्टिंग की जा सके। 18 अफसरों के स्थान पर अन्य 18 अधिकारियों को पहली बार मंडल मुखिया की कुर्सी सौंपी जानी थी। जिन अधिकारियों का तबादला होना था, उनमें अंबाला के डीआरएम पीके सांघी, पुणो के डीआरएम विशाल अग्रवाल, शोलापुर (महाराष्ट्र) के एके प्रसाद, दानापुर (बिहार) के डीआरएम एलएम झा, सोनपुर (बिहार) के मंडल मुखिया रमनलाल गुप्ता, संभलपुर (ओडिशा) के डीआरएम एके गुप्ता, मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) के सुनील माथुर, इज्जतनगर (उत्तर प्रदेश) के उमेश सिंह, लखनऊ के वीके यादव, जोधपुर (राजस्थान) के राजेंद्र जैन, नांदेड़ (महाराष्ट्र) के एसएस सोइल, गनटाकल (आंध्र प्रदेश) के टीपी सिंह, खड़गपुर (पश्चिम बंगाल) के आरके कुलश्रेष्ठ, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के एलसी त्रिवेदी, रायपुर (छत्तीसगढ़) के पीएस मिश्र, राजकोट (गुजरात) के वीकेएमजी बबकीवाला, रतलाम (मध्य प्रदेश) के लोकेश नारायण, कोटा (राजस्थान) के डीआरएम एस मुधसुधन राव और जबलपुर (मध्य प्रदेश) के अनिल कुमार गुप्ता का नाम शामिल है। इनमें से कुछ अधिकारी अपनी अच्छी पोस्टिंग के लिए जुगाड़ लगाने में जुटे थे, लेकिन उनकी सारी सिफारिशें धरी रह गईं। प्रमोशन और तबादले संबंधित फाइल सीबीआइ तफ्तीश को आगे बढ़ाने के लिए ले गई है। इन अधिकारियों के तबादले अब कब होंगे, इस बारे स्थिति स्पष्ट नहीं है। हालांकि, इनके तबादले पर रोक नहीं लगाई गई है लेकिन सीबीआइ जांच के कारण इनकी पोस्टिंग लटक जरूर गई है।
गौरतलब है कि सीबीआइ घूसकांड की तह तक जाने के लिए पुरानी नियुक्तियों की भी छानबीन कर रही है। डीआरएम पीके सांघी अंबाला मंडल में सितंबर 2010 से कार्यरत हैं। सांघी का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनका मंडल से तबादला कर दिया गया। वे अभी रिलीव नहीं हुए थे कि पवन बंसल रेल मंत्री बन गए। बंसल का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र चंडीगढ़ और जन्मभूमि तपा (संगरूर, पंजाब) स्टेशन अंबाला मंडल में ही आते हैं। सांघी मंडल से अच्छी तरह वाकिफ हो चुके थे, इसलिए बंसल ने उनका तबादला रुकवा दिया था। हालांकि, सांघी के स्थान पर जिनको अंबाला डीआरएम बनाकर भेजा गया था, वे दूसरी जगह से रिलीव हो चुके थे।