बुजुर्ग लोग ठीक ही कहते हैं कि बैंक का लोन नहीं हैं आसान, जो कभी भी कर देगा परेशान | अर्थात कभी भी बैंक से लोन नहीं लेना चाहिये | क्योंकि वह कभी भी किसी भी तरह से परेशान कर सकता है | जिसका जीता जागता सबूत मंगलवार को नवगछिया कचहरी परिसर में देखा गया |
जहां एक बुजुर्ग के बेटा ने बताया कि बैंक का नहीं बकाया, फिर भी पिता को पुलिस ने हथकड़ी लगा कर यहाँ ले आया है |
मामला साफ था कि नवगछिया पुलिस जिला के इसमाइलपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गाँव निवासी लगभग सत्तर वर्षीय वृद्ध उपेंद्र शर्मा पर यूको बैंक की तुलसीपुर यमुनिया शाखा द्वारा अनुमंडल दंडाधिकारी नवगछिया के यहाँ सर्टिफिकेट मामला दायर था | जिसपर वारंट जारी किया जा चुका था | लेकिन इसी बीच इस ऋण खाता को एक समझौता के तहत रकम जमा लेकर बैंक ने खाता को बंद भी कर दिया दिया | जिसका लिखित प्रमाण खाता संख्या 12320606100598 के खाताधारी को भी दे दिया | लेकिन बैंक ने इसकी सूचना संबन्धित अधिकारी या कोर्ट को नहीं दी | जिसके फलस्वरूप इस्माइलपुर पुलिस ने इस वृद्ध को गिरफ्तार कर हथकड़ी लगा दी और नवगछिया स्थित अनुमंडल दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया |
यह अलग बात है कि अनुमंडल दंडाधिकारी सुशील कुमार ने मामले की गंभीरता को तुरंत समझ लिया | तत्काल बैंक अधिकारी से वार्ता की | इसके साथ ही वृद्ध को मुक्त कर दिया गया | वहीं मौके पर ही कई लोगों ने पुलिस के इस कृत्य पर सवाल उठाए कि इतने वृद्ध व्यक्ति को इस मामले में हथकड़ी नहीं लगाना चाहिए था | जबकि कई संगीन मामलों के अपराधी पुलिस की नाक के नीचे छिपे रहते हैं |
जहां एक बुजुर्ग के बेटा ने बताया कि बैंक का नहीं बकाया, फिर भी पिता को पुलिस ने हथकड़ी लगा कर यहाँ ले आया है |
मामला साफ था कि नवगछिया पुलिस जिला के इसमाइलपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गाँव निवासी लगभग सत्तर वर्षीय वृद्ध उपेंद्र शर्मा पर यूको बैंक की तुलसीपुर यमुनिया शाखा द्वारा अनुमंडल दंडाधिकारी नवगछिया के यहाँ सर्टिफिकेट मामला दायर था | जिसपर वारंट जारी किया जा चुका था | लेकिन इसी बीच इस ऋण खाता को एक समझौता के तहत रकम जमा लेकर बैंक ने खाता को बंद भी कर दिया दिया | जिसका लिखित प्रमाण खाता संख्या 12320606100598 के खाताधारी को भी दे दिया | लेकिन बैंक ने इसकी सूचना संबन्धित अधिकारी या कोर्ट को नहीं दी | जिसके फलस्वरूप इस्माइलपुर पुलिस ने इस वृद्ध को गिरफ्तार कर हथकड़ी लगा दी और नवगछिया स्थित अनुमंडल दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया |
यह अलग बात है कि अनुमंडल दंडाधिकारी सुशील कुमार ने मामले की गंभीरता को तुरंत समझ लिया | तत्काल बैंक अधिकारी से वार्ता की | इसके साथ ही वृद्ध को मुक्त कर दिया गया | वहीं मौके पर ही कई लोगों ने पुलिस के इस कृत्य पर सवाल उठाए कि इतने वृद्ध व्यक्ति को इस मामले में हथकड़ी नहीं लगाना चाहिए था | जबकि कई संगीन मामलों के अपराधी पुलिस की नाक के नीचे छिपे रहते हैं |