राजेश कानोडिया, नवगछिया |
भागलपुर जिले के गंगा नदी पर बने विक्रमशिला सेतु पर मंगलवार को महाजाम लग सकता है | जिसकी पूरी और प्रबल संभावना है | जबकि भागलपुर जिले और नवगछिया पुलिस जिले का पूरा प्रशासनिक महकमा इस महाजाम को टालने का पूरा प्रयास कर रहा है |
जानकारी के अनुसार जहां इस महाजाम का बिगुल बिहपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सह राघोपुर ग्राम निवासी शैलेश कुमार उर्फ बुलों मण्डल ने कई दिनों पहले ही फूँक दिया था | जिसकी इन कटाव पीड़ितों द्वारा व्यापक तैयारी भी जारी है | वहीं जिला और अनुमंडल प्रशासन ने इस समस्या को पहले तो गंभीरता से नहीं लिया | लेकिन समय के नजदीक आने पर मामला उलझता प्रतीत हो रहा है | वैसे पूरा जिला प्रशासन पूर्व विधायक को मनाने पर लगा है | फिर भी अनुमान है कि अगर विधायक बुलों मण्डल प्रशासन की बात मान भी गए तो इसका आम लोग कितना समर्थन करेंगे यह कह पाना काफी मुश्किल है |
बताते चलें कि यह महाजाम गंगा नदी के कटाव पीड़ितों द्वारा किया गया आह्वान है | जो सरकारी अधिकारियों के अदूरदर्शिता का प्रमाण साबित हो रहा है | जिसकी वजह से लगातार कई सालों से ये कटाव पीड़ित गंगा का भीषण कटाव झेलते आ रहे हैं | जो समय पर कटाव निरोधी कार्य को प्रारम्भ नहीं कराने का नतीजा है | जहा हमेशा से बाढ़ आ जाने के बाद और कटाव शुरू हो जाने के बाद ही विभागों द्वारा महज सुरक्षात्मक कार्य के नाम पर हजारों करोड़ो का वारा न्यारा होता है | जिसका फायदा स्थानीय लोगों या कटाव पीड़ितों को कुछ भी नहीं मिल पाता है |
भागलपुर जिले के गंगा नदी पर बने विक्रमशिला सेतु पर मंगलवार को महाजाम लग सकता है | जिसकी पूरी और प्रबल संभावना है | जबकि भागलपुर जिले और नवगछिया पुलिस जिले का पूरा प्रशासनिक महकमा इस महाजाम को टालने का पूरा प्रयास कर रहा है |
जानकारी के अनुसार जहां इस महाजाम का बिगुल बिहपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सह राघोपुर ग्राम निवासी शैलेश कुमार उर्फ बुलों मण्डल ने कई दिनों पहले ही फूँक दिया था | जिसकी इन कटाव पीड़ितों द्वारा व्यापक तैयारी भी जारी है | वहीं जिला और अनुमंडल प्रशासन ने इस समस्या को पहले तो गंभीरता से नहीं लिया | लेकिन समय के नजदीक आने पर मामला उलझता प्रतीत हो रहा है | वैसे पूरा जिला प्रशासन पूर्व विधायक को मनाने पर लगा है | फिर भी अनुमान है कि अगर विधायक बुलों मण्डल प्रशासन की बात मान भी गए तो इसका आम लोग कितना समर्थन करेंगे यह कह पाना काफी मुश्किल है |
बताते चलें कि यह महाजाम गंगा नदी के कटाव पीड़ितों द्वारा किया गया आह्वान है | जो सरकारी अधिकारियों के अदूरदर्शिता का प्रमाण साबित हो रहा है | जिसकी वजह से लगातार कई सालों से ये कटाव पीड़ित गंगा का भीषण कटाव झेलते आ रहे हैं | जो समय पर कटाव निरोधी कार्य को प्रारम्भ नहीं कराने का नतीजा है | जहा हमेशा से बाढ़ आ जाने के बाद और कटाव शुरू हो जाने के बाद ही विभागों द्वारा महज सुरक्षात्मक कार्य के नाम पर हजारों करोड़ो का वारा न्यारा होता है | जिसका फायदा स्थानीय लोगों या कटाव पीड़ितों को कुछ भी नहीं मिल पाता है |