कुछ संशोधनों
के साथ वर्ष 2013-14 के रेल बजट को लोकसभा ने बुधवार को पारित कर दिया।
इससे पहले रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने अपने जवाब में बजट भाषण में
उल्लिखित गाडिय़ों के अलावा 19 नई रेलगाडिय़ां चलाने की घोषणा की।
साथ ही तीन गाडिय़ों के विस्तार और पांच गाडिय़ों के फेरे में वृद्धि की भी घोषणा की। हालांकि जब वह चर्चा पर जवाब दे रहे थे, तो उस समय भारतीय जनता पार्टी, वामपंथी पार्टियों, जनता दल यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने सदन से वाक आउट किया।
बजट पर चर्चा का जवाब देने के दौरान रेल मंत्री ने आरक्षित टिकट रद्द कराने के शुल्क में कुछ और बढ़ोतरी करने के भी संकेत दिए। दरअसल, उन्होंने कहा कि रेलवे को सीमित संसाधनों के बल पर ही बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराना पड़ रहा है।
बजट भाषण में आरक्षित टिकट रद्द करने के लिए बढ़ाए गए शुल्क और कुछ अन्य शुल्कों में बढ़ोतरी को जायज ठहराते हुए रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे को सीमित संसाधनों से ही बेहतर सेवा उपलब्ध कराना है, वह भी बेहतर सुरक्षा और सुविधा के साथ।
इसलिए कहीं न कहीं से कुछ राशि जुटाना अनिवार्य है। टिकट रद्द कराने के शुल्क में बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा कि 120 दिन पहले जब रिजर्वेशन खुलता है तो एजेंट थोक में टिकट बुक करा लेते हैं और उसे 119 दिन तक बेचते रहते हैं।
बाद में जब टिकट बच जाता है तो उसे यात्रा से एक दिन पहले रद्द कराते हैं। इसलिए कैंसिलेशन चार्ज बढ़ा दिया गया है ताकि यात्रा करने वाले वास्तविक यात्रियों को टिकट मिले।
3321 किलोमीटर लंबे समर्पित मालवाही गलियारे (डीएफसी) की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि पूर्वी मालवाही गलियारे (लुधियाना से डानकुनी) के कामकाज में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
वहां परियोजना के लिए 86 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। इसके लिए विश्व बैंक तीन चरणों में सहायता राशि उपलब्ध कराने पर सहमत हुआ है। उसमें से पहले चरण के लिए 97.5 करोड़ डॉलर मिल चुके हैं। पूरे गलियारे में कुछ हिस्सा रेलवे खुद बनाएगी, जबकि कुछ हिस्सों का निर्माण सरकारी-निजी भागीदारी (पीपीपी) फॉर्मूले पर होगा।
रेलवे की माली हालत की चर्चा करते हुए पवन कुमार बंसल ने बताया कि इस समय मंत्रालय का ऑपरेटिंग रेशियो 88.80 फीसदी है। इसका मतलब यह है कि 100 रुपये कमाने के लिए 88.80 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसे वर्ष 2013-14 के दौरान घटाकर 87.8 रुपये करना है।
वैसे तो उनका लक्ष्य तो इसे 80 रुपये तक लाने पर है, लेकिन इसमें देर लगेगी। फिलहाल तो 87.80 रुपये का लक्ष्य ही पाना है। रेलवे स्टेशनों को सजाने-संवारने के लिए उन्होंने बड़े कॉरपोरेट हाउसों से भी सहयोग लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिन स्टेशनों पर कोई कॉरपोरेट हाउस दो करोड़ रुपये खर्च करेगा, वहां उसका नाम लिखवा दिया जाएगा। इसके बाद सदन ने ध्वनि मत से रेल बजट को पारित कर दिया।
उत्तरी राज्यों को फिर मिलीं 10 नई ट्रेनें
नई दिल्ली - लोकसभा में रेल बजट पारित कराते समय रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने जो 19 नई रेलगाडिय़ां चलाने की घोषणा की, उनमें से 10 गाडिय़ां पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को मिली हैं।
उन्होंने दिल्ली और तिरुवनंतपुरम के बीच एक साप्ताहिक गाड़ी चलाने की घोषणा की जो हरियाणा और मध्य प्रदेश होकर जाएगी। नागपुर से एक ट्रेन सप्ताह में एक बार अजमेर जाएगी जिसका मार्ग भोपाल, नागदा और कोटा होते हुए होगा। ओखा से द्वारका होते हुए नाथद्वारा तक एक नई ट्रेन चलेगी जो साप्ताहिक होगी। राजकोट से राजस्थान होते हुए एक गाड़ी सप्ताह में निजामुद्दीन आएगी।
अंबाला कैंट से जगाधरी और सहारनपुर होते हुए दिल्ली तक एक दैनिक रेलगाड़ी और चलेगी। बिलासपुर से जोधपुर और बीकानेर के लिए दो रेलगाडिय़ां चलाने की घोषणा हुई है जो सप्ताह में दो-दो दिन चलेंगी। रायपुर से अमृतसर होते हुए जम्मूतवी तक एक साप्ताहिक एक्सप्रेस चलेगी।
साथ ही तीन गाडिय़ों के विस्तार और पांच गाडिय़ों के फेरे में वृद्धि की भी घोषणा की। हालांकि जब वह चर्चा पर जवाब दे रहे थे, तो उस समय भारतीय जनता पार्टी, वामपंथी पार्टियों, जनता दल यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने सदन से वाक आउट किया।
बजट पर चर्चा का जवाब देने के दौरान रेल मंत्री ने आरक्षित टिकट रद्द कराने के शुल्क में कुछ और बढ़ोतरी करने के भी संकेत दिए। दरअसल, उन्होंने कहा कि रेलवे को सीमित संसाधनों के बल पर ही बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराना पड़ रहा है।
बजट भाषण में आरक्षित टिकट रद्द करने के लिए बढ़ाए गए शुल्क और कुछ अन्य शुल्कों में बढ़ोतरी को जायज ठहराते हुए रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे को सीमित संसाधनों से ही बेहतर सेवा उपलब्ध कराना है, वह भी बेहतर सुरक्षा और सुविधा के साथ।
इसलिए कहीं न कहीं से कुछ राशि जुटाना अनिवार्य है। टिकट रद्द कराने के शुल्क में बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा कि 120 दिन पहले जब रिजर्वेशन खुलता है तो एजेंट थोक में टिकट बुक करा लेते हैं और उसे 119 दिन तक बेचते रहते हैं।
बाद में जब टिकट बच जाता है तो उसे यात्रा से एक दिन पहले रद्द कराते हैं। इसलिए कैंसिलेशन चार्ज बढ़ा दिया गया है ताकि यात्रा करने वाले वास्तविक यात्रियों को टिकट मिले।
3321 किलोमीटर लंबे समर्पित मालवाही गलियारे (डीएफसी) की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि पूर्वी मालवाही गलियारे (लुधियाना से डानकुनी) के कामकाज में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
वहां परियोजना के लिए 86 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। इसके लिए विश्व बैंक तीन चरणों में सहायता राशि उपलब्ध कराने पर सहमत हुआ है। उसमें से पहले चरण के लिए 97.5 करोड़ डॉलर मिल चुके हैं। पूरे गलियारे में कुछ हिस्सा रेलवे खुद बनाएगी, जबकि कुछ हिस्सों का निर्माण सरकारी-निजी भागीदारी (पीपीपी) फॉर्मूले पर होगा।
रेलवे की माली हालत की चर्चा करते हुए पवन कुमार बंसल ने बताया कि इस समय मंत्रालय का ऑपरेटिंग रेशियो 88.80 फीसदी है। इसका मतलब यह है कि 100 रुपये कमाने के लिए 88.80 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसे वर्ष 2013-14 के दौरान घटाकर 87.8 रुपये करना है।
वैसे तो उनका लक्ष्य तो इसे 80 रुपये तक लाने पर है, लेकिन इसमें देर लगेगी। फिलहाल तो 87.80 रुपये का लक्ष्य ही पाना है। रेलवे स्टेशनों को सजाने-संवारने के लिए उन्होंने बड़े कॉरपोरेट हाउसों से भी सहयोग लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिन स्टेशनों पर कोई कॉरपोरेट हाउस दो करोड़ रुपये खर्च करेगा, वहां उसका नाम लिखवा दिया जाएगा। इसके बाद सदन ने ध्वनि मत से रेल बजट को पारित कर दिया।
उत्तरी राज्यों को फिर मिलीं 10 नई ट्रेनें
नई दिल्ली - लोकसभा में रेल बजट पारित कराते समय रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने जो 19 नई रेलगाडिय़ां चलाने की घोषणा की, उनमें से 10 गाडिय़ां पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को मिली हैं।
उन्होंने दिल्ली और तिरुवनंतपुरम के बीच एक साप्ताहिक गाड़ी चलाने की घोषणा की जो हरियाणा और मध्य प्रदेश होकर जाएगी। नागपुर से एक ट्रेन सप्ताह में एक बार अजमेर जाएगी जिसका मार्ग भोपाल, नागदा और कोटा होते हुए होगा। ओखा से द्वारका होते हुए नाथद्वारा तक एक नई ट्रेन चलेगी जो साप्ताहिक होगी। राजकोट से राजस्थान होते हुए एक गाड़ी सप्ताह में निजामुद्दीन आएगी।
अंबाला कैंट से जगाधरी और सहारनपुर होते हुए दिल्ली तक एक दैनिक रेलगाड़ी और चलेगी। बिलासपुर से जोधपुर और बीकानेर के लिए दो रेलगाडिय़ां चलाने की घोषणा हुई है जो सप्ताह में दो-दो दिन चलेंगी। रायपुर से अमृतसर होते हुए जम्मूतवी तक एक साप्ताहिक एक्सप्रेस चलेगी।