बांका सांसद पुतुल देवी के बांका से रांची के लिए ट्रेन चलाने के आग्रह
को पूर्व रेलवे मान लिया है। इसके लिए रेलवे ने हामी भी भर दी है और अंदर
ही अंदर तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन बांका से ट्रेन चलाने में सबसे बड़ी
परेशानी ट्रेनों की सफाई को लेकर है। सफाई की व्यवस्था होने के बाद ही
बांका से नई ट्रेन चल सकती है। यही कारण है कि
तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद की घोषणा के बाद भी बांका से दिल्ली के लिए सप्तक्रांति एक्सप्रेस नहीं चलाई जा सकी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बांका सांसद ने बांका से गरीब रथ एवं भागलपुर-रांची एक्सप्रेस चलाने का आग्रह पूर्व रेलवे के प्रबंधन से किया था। प्रबंधन ने इसके लिए मालदा रेल मंडल के अधिकारियों से पिछले माह मंतव्य मांगा था। मालदा रेल मंडल के अधिकारियों ने कैरेज एण्ड वैगन के अधिकारियों गरीब रथ एवं भागलपुर-रांची एक्सप्रेस के बांका से परिचालन करने के लिए दूरभाष पर संपर्क किया। कैरेज एण्ड वैगन विभाग के अधिकारियों ने गरीब रथ के बारे में कहा कि जबतक एक और रैक की व्यवस्था नहीं हो जाती तबतक इसका परिचालन बांका से होना संभव नहीं है। भागलपुर-रांची एक्सप्रेस के लिए हामी भर दी गई है। लेकिन सफाई के लिए बांका में पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। यहां यह बता दें कि भागलपुर-रांची एक्सप्रेस का रखरखाव रांची में होता है और भागलपुर में सिर्फ बोगियों के अंदर व बाहर की सफाई होती है। भागलपुर से बांका सफाई कर्मियों को भेजने के लिए कैरेज एण्ड वैगन विभाग के अधिकारियों ने हामी भर दी है। उक्त में सफाई के लिए आधा दर्जन कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी। भागलपुर से हामी भरने के बाद मालदा रेल मंडल द्वारा बांका में पानी टंकी, हाइडल पाइप लाइन वल्व लगाने पर विचार मंथन शुरू कर दिया है। होने वाली परेशानी की जानकारी से पूर्व रेलवे प्रबंधन को भी अवगत करा दिया गया है। कैरेज एण्ड वैगन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पानी की फिलहाल कुछ भी व्यवस्था होने से भागलपुर-रांची एक्सप्रेस का परिचालन बांका से हो सकता है। ट्रेन में पानी भरने का काम भागलपुर स्टेशन पर किया जाएगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछेक महीने में बांका से भागलपुर-रांची एक्सप्रेस का परिचालन शुरू हो सकता है। यहां यह बता दें कि भागलपुर-रांची एक्सप्रेस सुबह चार बजे भागलपुर आती है और शाम 04.55 बजे भागलपुर से रांची के लिए खुलती है। इस बीच रैक भागलपुर यार्ड में खड़ी रहती है। बांका से इस ट्रेन के परिचालन के लिए दो-तीन वर्षो से बात चल रही है।
तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद की घोषणा के बाद भी बांका से दिल्ली के लिए सप्तक्रांति एक्सप्रेस नहीं चलाई जा सकी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बांका सांसद ने बांका से गरीब रथ एवं भागलपुर-रांची एक्सप्रेस चलाने का आग्रह पूर्व रेलवे के प्रबंधन से किया था। प्रबंधन ने इसके लिए मालदा रेल मंडल के अधिकारियों से पिछले माह मंतव्य मांगा था। मालदा रेल मंडल के अधिकारियों ने कैरेज एण्ड वैगन के अधिकारियों गरीब रथ एवं भागलपुर-रांची एक्सप्रेस के बांका से परिचालन करने के लिए दूरभाष पर संपर्क किया। कैरेज एण्ड वैगन विभाग के अधिकारियों ने गरीब रथ के बारे में कहा कि जबतक एक और रैक की व्यवस्था नहीं हो जाती तबतक इसका परिचालन बांका से होना संभव नहीं है। भागलपुर-रांची एक्सप्रेस के लिए हामी भर दी गई है। लेकिन सफाई के लिए बांका में पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। यहां यह बता दें कि भागलपुर-रांची एक्सप्रेस का रखरखाव रांची में होता है और भागलपुर में सिर्फ बोगियों के अंदर व बाहर की सफाई होती है। भागलपुर से बांका सफाई कर्मियों को भेजने के लिए कैरेज एण्ड वैगन विभाग के अधिकारियों ने हामी भर दी है। उक्त में सफाई के लिए आधा दर्जन कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी। भागलपुर से हामी भरने के बाद मालदा रेल मंडल द्वारा बांका में पानी टंकी, हाइडल पाइप लाइन वल्व लगाने पर विचार मंथन शुरू कर दिया है। होने वाली परेशानी की जानकारी से पूर्व रेलवे प्रबंधन को भी अवगत करा दिया गया है। कैरेज एण्ड वैगन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पानी की फिलहाल कुछ भी व्यवस्था होने से भागलपुर-रांची एक्सप्रेस का परिचालन बांका से हो सकता है। ट्रेन में पानी भरने का काम भागलपुर स्टेशन पर किया जाएगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछेक महीने में बांका से भागलपुर-रांची एक्सप्रेस का परिचालन शुरू हो सकता है। यहां यह बता दें कि भागलपुर-रांची एक्सप्रेस सुबह चार बजे भागलपुर आती है और शाम 04.55 बजे भागलपुर से रांची के लिए खुलती है। इस बीच रैक भागलपुर यार्ड में खड़ी रहती है। बांका से इस ट्रेन के परिचालन के लिए दो-तीन वर्षो से बात चल रही है।